बीजेपी का झंडा और भारत माता की जयघोष

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बीजेपी का झंडा और भारत माता की जयघोष

आलोक कुमार 

कोलकता.अभिनेता मिथुन चक्रवर्ती बीजेपी में शामिल हो चुके हैं.मिथुन चक्रवर्ती की यह दूसरी राजनीतिक पारी शुरू हुई है, इससे पहले वे तृणमूल कांग्रेस के कोटे से अप्रैल 2014 में राज्य सभा पहुंचे थे.उसी तर्ज पर कोलकाता महाधर्मप्रांत के एक पुरोहित फादर रोडनी बोर्नियो चल पड़े.पहले लोयोला हाई स्कूल के प्राचार्य पद से इस्तीफा दिया.इसके बाद 41 वर्षीय पुरोहित फादर रोडनी बोर्नियो ने धर्मसमाज से भी नाता तोड़ दिये.मगर ईसाई धर्म परित्याग नहीं किये हैं.इसके बाद फादर रोडनी बोर्नियो ने बीजेपी का दामन थाम लिये. 

फादर बोर्नियो कथित तौर पर सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के करीबी माने जाते थे. उन्होंने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ वेटिकन में मदर टेरेसा के विमोचन में भाग लिया था.मिठुन चक्रवर्ती की तरह चुनावी बयार में प्राचार्य फादर रोडनी बोर्नियो भी उड़ गये.अब बिहार के राजन क्लेमेंट साह की तरह ही पश्चिम बंगाल में रोडनी बोर्नियो ने भी सबका साथ,सबका विकास और सबका विश्वास को शिराधार्य कर पीएम मोदी का मंत्र पर चलने पर सहमत हो गये हैं.फादर का कहना है कि मेरा उद्देश्य मानवता के भलाई के लिए काम करना है.इसमें सक्षम होना है और जो कोई भी मुझे ऐसा करने का मौका देता है, मैं उनके साथ रहूंगा. 

बताया जाता है कि कोलकाता महाधर्मप्रांत में 1961संत पौल सेकेंडरी स्कूल के नाम से संचालित था.1984 में, संत पौल सेकेंडरी स्कूल का नाम बदलकर लोयोला हाई स्कूल रखा गया.जून 2016 को प्राचार्य फादर रोडनी बोर्नियो पदस्थापित हुए. 
लोयोला हाई स्कूल के प्राचार्य पद फादर रोडनी बोर्नियो 4 वर्ष 10 महीने तक रहे.इसके बाद आरोप प्रत्यारोप के बीच यकायक प्राचार्य पद से इस्तीफा दे दिये.इसके बाद 41 वर्षीय रोमन कैथोलिक आर्चडायोसिस कोलकाता के पुरोहित के रूप में 11 साल 5 कार्य करने के बाद फादर रोडनी बोर्नियो ने  धर्मसमाज से भी नाता तोड़ दिये.मगर ईसाई धर्म परित्याग नहीं किये हैं. 

इस तरह अंतरात्मा की आवाज पर 05 मार्च को प्राचार्य पद से इस्तीफा दे दिया.9 मार्च को बीजेपी का थामन थाम लिये.10 मार्च को फादर रोडनी बोर्नियो ने धर्मसमाज छोड़ दिये.यह इस्तीफा  कोलकता के आर्चबिशप थोमस डिसूजा को सौंप दिया.इस स्कूल कोलकाता महाधर्मप्रांत में उठापटक चुनावी बयार में देखने को मिला.पदस्थापित प्राचार्य  फादर रोडनी बोर्नियो उड़ गये. 

बताया जाता है कि लोयोला हाई स्कूल भारत के संविधान के धार्मिक और भाषाई अल्पसंख्यकों को दिए गए अधिकारों और शक्तियों के तहत काम करता है (आर्टिकल 29 और 30). स्कूल को पश्चिम बंगाल सरकार के शिक्षा विभाग, पश्चिम बंगाल के एंग्लो इंडियन बोर्ड के तहत मान्यता प्राप्त है और काउंसिल फॉर द इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट एग्जामिनेशन, नई दिल्ली से संबद्ध है.6 मार्च की शाम को फादर रोडनी स्कूल छोड़ने से पहले गिरजाघर में प्रार्थना की. उस समय आर्चबिशप का प्रयास हो रहा था कि वह फादर इस्तीफा वापस ले लें.पर यह संभव नहीं हो सका. 

फादर रोडनी कहने लगे कि “मैंने इस्तीफा दे दिया है और मुझे यहां रहने का कोई अधिकार नहीं है. मैंने उन कारणों का उल्लेख किया है जिनके कारण मुझे यह कदम उठाने के लिए मजबूर होना पड़ा. फादर रोडनी ने "मजबूरी को यहाँ और आर्चबिशप के बीच प्रकट करना नहीं चाहता हूं" 

आर्चबिशप थोमस डिसूजा ने खबर का जवाब देते हुए कहा, “हम यहां नियमों और प्रक्रियाओं का पालन करते हैं.यहां तक ​​कि इस्तीफे और स्थानांतरण अचानक एक प्रक्रिया से बाहर नहीं हो सकते. मेरे लिए वह अभी भी लोयोला स्कूल के प्रिंसिपल हैं. ” 

जानकारी के अनुसार फादर बोर्नियो के आर्चबिशप को प्रेषित पत्र में स्कूल के प्रबंध समिति के सचिव द्वारा संस्था के प्रमुख के रूप में "अनुचित हस्तक्षेप" के बारे में शिकायत की गई है. पत्र में कहा गया है कि सचिव के "कार्यों और आय", ने "हजारों छात्रों की अधिक से अधिक रुचि" को संकट में डाल दिया है और मेरे जैसे पुरोहित को " इस्तीफे के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा था." 

फादर बोर्नियो ने आरोप लगाया कि इस साल एक बार भी स्कूल को मंजूरी नहीं दी गई क्योंकि सचिव ने धनराशि को मंजूरी देने से इनकार कर दिया.उन्होंने कहा कि" आप मेरे साथ सहमत होंगे कि यह बिल्कुल आवश्यक है, न केवल सरकारी परिपत्रों और जनादेशों के मद्देनजर, बल्कि हम अपने छात्रों की सुरक्षा और सुरक्षा के लिए एक नैतिक जिम्मेदारी भी निभाते हैं, जो हमारे माता-पिता द्वारा हमारी जिम्मेवारी में बच्चों को छोड़ दिए जाते हैं, विश्वास करते हैं और विश्वास करते हैं कि हम उनके बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए हर संभव कदम उठाएंगे. 

फादर बोर्नियो ने यह भी कहा कि उन्होंने इस मामले पर प्रार्थना की और उनकी अंतरात्मा ने उन्हें अपने पद पर बने रहने की अनुमति नहीं दी क्योंकि वे छात्रों के हितों और कल्याण के लिए असहाय रह गए थे. एक प्रतिष्ठित स्कूल के प्राचार्य  के रूप में फादर रोडनी बोर्नियो ने इस्तीफा दे दिया है.इसको लेकर कोलकाता महाधर्मप्रांत के लोगों में आक्रोश व्याप्त है.बहरहाल एक पुरोहित ने बीजेपी का झंडा थामकर भारत माता की जयघोष करने लगे हैं.अब देखना है कि बीजेपी के दामन थामने से बीजेपी को कितना फायदा दिलवा पाएंगे. 

 
 

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