प्रभाकर मणि तिवारी
कोलकाता के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल के डाक्टर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को अभी और 48 गंटे तक अपनी निगरानी में रखना चाहते थे. लेकिन ममता बार-बार घर जाने की जिद कर रही थीं. इसलिए शुक्रवार शाम को उनको अस्पताल से छोड़ दिया गया. बाएं पांव में प्लास्टर के साथ व्हील चेयर पर उके बारल निकलते ही वहां जुटे टीएमसी समर्थकों ने दीदी के समर्थन में नारे बाजी शुरू कर दी.
बुधवार शाम को नंदीग्राम में घायल होने के बाद ममता को एसएसकेएम में भर्ती कराया गया था. उनको पैर के अलावा कंधे औऱ गर्दन में चोट लगी है. अस्पताल से निकलने के बाद सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर ने उसे मुलाकात की. ममता ने भी किसानों के आंदोलन के प्रति अपना समर्थन जताया है. ममता को एक सप्ताह बाद दोबारा जांच के लिए अस्पताल आना होगा.
दरअसल, पहले ममता को 11 मार्च को ही टीएमसी का घोषणापत्र जारी करना था. लेकिन उनके घायल होने के बाद उसे टाल दिया गया था. अब यह घोषणापत्र 14 मार्च को जारी किया जाएगा. दरअसल, इस दिन का ऐतिहासिक महत्व है. इसे नंदीग्राम दिवस के तौर पर मनाया जाता रहा है. वर्ष 2007 में इसी दिन जमीन अधिग्रहण आंदोलन कर रहे लोगों पर पुलिस की फायरिंग में 14 लोगों की मौत हो गई थी. उसके बाद ममता झारखंड से लगे उन इलाको में चुनाव अभियान के लिए निकलेंगी जहां पहले और दूसरे चरण में चुनाव होने हैं. 14 मार्च के बाद अगले पांच दिनों में उनकी एक दर्जन रैलियां होनी हैं.
इसबीच, एसएसकेएम अस्पताल के डाक्टरों ने बताया कि अब ममता के पांव में दर्द काफी कम हो गया है. शुक्रवार को बाएं पांव पर नया प्लास्टर भी चढ़ाया गया. ममता ने कहा है कि वे डाक्टरों की सलाह पर अमल करेंगी.
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