क्या सच में मुख्यमंत्री के ड्रॉइंग रूम तक पहुँच है?

गोवा की आजादी में लोहिया का योगदान पत्रकारों पर हमले के खिलाफ पटना में नागरिक प्रतिवाद सीएम के पीछे सीबीआई ठाकुर का कुआं'पर बवाल रूकने का नाम नहीं ले रहा भाजपा ने बिधूड़ी का कद और बढ़ाया आखिर मोदी है, तो मुमकिन है बिधूड़ी की सदस्य्ता रद्द करने की मांग रमेश बिधूडी तो मोहरा है आरएसएस ने महिला आरक्षण विधेयक का दबाव डाला और रविशंकर , हर्षवर्धन हंस रहे थे संजय गांधी अस्पताल के चार सौ कर्मचारी बेरोजगार महिला आरक्षण को तत्काल लागू करने से कौन रोक रहा है? स्मृति ईरानी और सोनिया गांधी आमने-सामने देवभूमि में समाजवादी शंखनाद भाजपाई तो उत्पात की तैयारी में हैं . दीपंकर भट्टाचार्य घोषी का उद्घोष , न रहे कोई मदहोश! भाजपा हटाओ-देश बचाओ अभियान की गई समीक्षा आचार्य विनोबा भावे को याद किया स्कीम वर्करों का पहला राष्ट्रीय सम्मेलन संपन्न क्या सोच रहे हैं मोदी ?

क्या सच में मुख्यमंत्री के ड्रॉइंग रूम तक पहुँच है?

पटना.बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने शराबबंदी को लेकर फिर से नीतीश सरकार को घेरा है.आरजेडी कार्यालय में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बिहार सरकार पर जमकर तेजस्वी बरसे.कहा-मुख्यमंत्री नीतीश जी के मंत्रिमंडल में 64 फ़ीसदी मंत्रियों के ऊपर गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं. इनके खिलाफ बलात्कार, अपहरण और हत्या के गंभीर मामले दर्ज हैं.यह कैसा 'सुशासन' है जिसमें दागी मंत्री ही शासन चला रहे हैं? 

तेजस्वी ने कहा कि मंत्री रामसूरत राय के प्लॉट से भारी मात्रा में शराब बरामद हुई है. नीतीश जी लगातार कहते हैं कि शराबबंदी पूरी तरह सफल है.  
इससे पहले बिहार विधानसभा में तेजस्वी यादव ने राजस्व और भूमि सुधार मंत्री राम सूरत कुमार के मुजफ्फरपुर परिसर में शराब की कई बोतलें और कार्टन बरामद होने का आरोप लगाया था. उन्होंने कहा था कि दोनों सदन के सदस्यों और राज्य के लोगों को यह जानने का अधिकार है कि वास्तविकता क्या है. 

तेजस्वी ने यह भी कहा कि नीतीश जी के मंत्रिमंडल में लगभग 64 फीसदी मंत्री दागी हैं. राजद नेता ने कहा कि भ्रष्टाचार, बलात्कार, हत्या, अपहरण, यौन शोषण, जालसाजी जैसे गंभीर मामलों में लिप्त व्यक्तियों को मंत्री बनाने के पीछे की मजबूरी नीतीश कुमार जी को सबके सामने बतानी चाहिए. 


राजद के नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि नीतीश कुमार जी भ्रष्टाचार के आरोपों का सामना कर रहे मेवालाल चौधरी और अशोक चौधरी सरीखे लोगों को मंत्री बनाने से एक क्षण के लिए भी हिचकिचाते नहीं हैं.एक मंत्री जिनके ऊपर सपरिवार भ्रष्टाचार और जालसाजी का केस है वह विगत 9 महीनों से किसी सदन के भी सदस्य नहीं है और मंत्री बने बैठे है. आश्चर्यजनक है कि जिन्हें इनके विरुद्ध जाँच को धार देकर इनके विरुद्ध त्वरित कार्रवाई को अंजाम देना चाहिए, वही इन्हें सर आँखों पर बिठाकर पीड़ित विभाग की लगाम थमा रहे हैं. 

मुख्यमंत्री जी को पता ही नहीं है कि कौन मंत्री और उनके परिजन कब सरकारी कार्यक्रमों का उद्घाटन कर रहे है? उनके मंत्री के स्कूल परिसर से शराब बरामद होती है लेकिन वो कोई कारवाई नहीं करते? इसका जवाब तो मुख्यमंत्री जी ही देंगे?  

नीतीश सरकार शराब सेवन की समस्या को एक सामाजिक बुराई के बजाय कानून और व्यवस्था की समस्या की तरह देखती है और यही कारण है कि शराबबंदी के कारण राज्य में अन्य कई समस्याओं की शुरुआत हुई है जिनका निदान करने के बजाय बिहार सरकार उन्हें झुठलाने में लगा रहता है. 

आज बिहार में शराब का धंधा करना सबसे अधिक मुनाफे का धंधा बन गया है.पढ़े लिखे और बेरोजगार युवा तेजी से इस धंधे की ओर आकर्षित हो रहे हैं.बिहार के मुख्यमंत्री खुद शराब माफिया है क्योंकि उनके अधीनस्थ विभाग इसके विरुद्ध कोई ठोस कारवाई नहीं कर रहा.सच में शराब माफिया की स्वयं मुख्यमंत्री जी के ड्रॉइंग रूम तक पहुँच है? 

शराबबंदी के कारण राज्य में पुलिस बल की अवैध कमाई का हिस्सा क्या मुख्यमंत्री आवास जाता है? शराबबंदी के कारण बिहार के युवाओं में ड्रग्स के चलन में जबरदस्त उछाल आया है.ड्रग्स की तस्करी किसके इशारे पर हो रही है? राज्य में 20 हज़ार करोड़ की एक अवैध समानांतर अर्थव्यवस्था चल रही है.क्या बिना मुख्यमंत्री के संरक्षण के ऐसा हो सकता है? राजस्व के नुक़सान और माफिया की लगातार बढ़ती ताकत के आगे कानून व्यवस्था सुनिश्चित करने वाली संस्थाएँ नतमस्तक क्यों नज़र आती हैं. 

इंडिया स्पेंड नामक एक संस्था के अनुसार 30 लाख लीटर से अधिक की शराब पकड़ी गई है.इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि कितने करोड़ लीटर की शराब बिहार में अवैध रूप से लोगों तक पहुँच चुकी होगी.लेकिन सरकार ने कितने उच्च पुलिस अधिकारियों को बर्खास्त किया? इसका जवाब मुख्यमंत्री दें?  मई 2017 में बिहार पुलिस ने दावा किया था कि 9 लाख लीटर शराब बिहार में चूहे पी गए.क्या ऐसा संभव है? 

2020 में जदयु के प्रदेश उपाध्यक्ष का शराब पीकर नाचने का वीडियो वायरल हुआ था. जदयु विधायकों के शराब पीकर बार बालाओं के साथ नाचने के कई वीडियो वायरल हो चुके हैं. लेकिन उन पर आजतक कोई कारवाई नहीं की गयी. बिहार पुलिस का शराब माफिया के साथ तालमेल बैठा हुआ है यह पूर्व DGP तक मान चुके हैं.स्वयं मुख्यमंत्री के फोटो जब शराब का अवैध कारोबार करनेवालों के साथ सार्वजनिक पटल पर सबके सामने आएँगे तो इससे लोगों में क्या संदेश जाएगा? एक तरफ आम जनता हतोत्साहित होगी तो दूसरी ओर शराब माफिया और उनका साथ दे रहे भ्रष्ट पुलिसकर्मियों का मनोबल बढ़ेगा! शराबबंदी कानून में बिहार में जितने भी लोग पकड़े गए हैं लगभग शत प्रतिशत वो दलित व अतिपिछड़े और बहुत ही निर्धन वर्गों के हैं. 

शराबबंदी कानून की सबसे अधिक मार अनुसूचित जाति के लोगों को पड़ी है जिनमें बिहार में सबसे अधिक गरीबी है. ये लोग जुर्माना या जमानत की राशि भरने की स्थिति में भी नहीं होते हैं जिसके कारण इनका परिवार हमेशा के लिए पूरी तरह से बर्बाद हो जाता है.

  • |

Comments

Subscribe

Receive updates and latest news direct from our team. Simply enter your email below :