आलोक कुमार
पटना.आज से अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू हो गयी.मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के द्वार पर दस्तक देने के बाद सख्त कदम उठाने को मजबूर होना पड़ा.यह मामला 11 वर्षों से लम्बित हैं. बिहार राज्य अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ (गोप-गुट) से संबद्ध बिहार राज्य कार्यापालक सहायक सेवा संघ,बिहार की मांग है कि बिहार प्रशासनिक सुधार मिशन सोसाइटी की दिनांक 06.02.2021 को आयोजित 29 वीं बैठक की कार्यवली की कंडिका-06 ,07,08 एवं 09 के लिए लिए गये निर्णय को तत्काल प्रभाव से निरस्त किया जाय.
* कार्यापालक सहायकों के निर्मित उच्च स्तरीय समिति की अनुशंसाओं को मूलरूप में अक्षरश:लागू किया जाय.
* सभी कार्यमुक्त कार्यपालक सहायकों को उच्च स्तरीय समिति की अनुशंसाओं के आलोक में तत्काल प्रभाव से अन्य विभागों में समायोजित किया जाय.
* कार्यपालक सहायकों की न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता इंटर करते हुए सभी कार्यपालक सहायकों की सेवा सूचना एवं प्रवैधिकी विभाग अंतर्गत गठित सूचना प्रवैधिकी विभाग संवर्ग में शामिल करते हुए नियमितीकरण/स्थायी की जाय.
* महिला कार्यपालक सहायकों को विशेष अवकाश की अनुमान्यता प्रभावी की जाय.
* कार्यपालक सहायकों को देय 10 प्रतिशत वार्षिक मानदेय वृद्धि 66 प्रतिशत अन्य भत्ता सहित एवं 05 वर्ष की सेवा के उपरांत देय ग्रेड-ll लाभ भूतलक्षी प्रभाव से देय किया जाय.
* कार्यपालक सहायकों को यदि स्थानान्तरित किया जाता है तो उन्हें भूतलक्षी प्रभाव से सरकारी सेवकों के अनुरूप अनुमान्य भत्ता देय किया जाय.
* विभिन्न आंदोलन अवधि में कटौती किए गये मानदेय को अनुमान्य अवकाश में समायोजित कर कटौती किए गये मानदेय का भुगतान किया जाय साथ ही वर्ष 2015 के आंदोलन के दौरान आंदोलनरत कार्यपालक सहायकों पर दायर गर्दनीबाग कांड सं.-279/2015 को समाप्त किया जाय.
बिहार राज्य कार्यपालक सहायक सेवा संघ,बिहार के आह्वान पर प्रदेश के सभी कार्यपालक सहायकों ने मांगों समर्थन में काला बिल्ला लगाकर कार्य किये.मुख्यमंत्री को मांगों सहित कार्यक्रम आयोजित करने के लिए पत्र प्रेषित की गई थी.बताते चले कि बिहार प्रशासनिक सुधार मिशन सोसाइटी ,बिहार पटना के द्वारा विगत वर्षों में कार्यपालक सहायकों के निर्मित अनुशंसित उच्च स्तरीय समिति की अनुशंसाओं को मूल स्वरूप में लागू करने के इतर इसमें कई प्रकार के रद्दोबदल कर विशेष रूप से 5 फरवरी को बिहार प्रशासनिक सुधार मिशन सोसाइटी ,बिहार के शासी परिषद की 29 वीं बैठक में लिए गए निर्णय को आनन फानन में विभिन्न पत्रों के द्वारा कार्यपालक सहायकों पर अधिरोपित करने का प्रयास किया जा रहा है.जिस कारण बिहार के सभी कार्यपालक सहायक दिनांक-8 मार्च से 9 मार्च तक दो दिवसीय सांकेतिक हड़ताल किये.वर्णित परिपेक्ष्य में बिहार के सभी कार्यपालक सहायक 10 मार्च से 14 मार्च तक काला बिल्ला लगाकर कार्यस्थल पर कार्य किये.मांगों की पूर्ति नहीं होने के उपरांत 15 मार्च से सभी कार्यपालक सहायक बेमियादी हड़ताल पर चले गए हैं.
बिहार राज्य कार्यपालक सहायक सेवा संघ,बिहार के अध्यक्ष आशीष कुमार ने कहा कि आज से शुरू हड़ताल से कई विभाग के कार्य प्रभावित हो रहा हैं. वृद्धा पेंशन योजना से लाभुकों को जोड़ना,राशन कार्ड का निर्माण,बिजली विभाग में बिलिंग व अन्य कार्य, इंदिरा आवास की रिपोर्ट तैयार करना,सात निश्चय योजना के क्रियान्वयन की रिपोर्ट जाति,आय, आवासीय प्रमाण पत्र निर्माण,अलग-अलग विभागों से जुड़े कार्य,आयुष्मान कार्ड का निर्माण,लोक शिकायत निवारण कार्य आदि कार्यपालक सहायकों की बेमियादी हड़ताल से ठप पड़ गया हैं.अध्यक्ष ने खेद व्यक्त किया है.
बिहार राज्य कार्यपालक सहायक सेवा संघ,बिहार के अध्यक्ष आशीष कुमार ने कहा कि आज 38 जिले के मुख्यालय पर धरना एवं बीपीएसएम के शासी परिषद के सभी माननीय सदस्यों का पुतला दहन के साथ आंदोलन को धारधार बनाया जाएगा.कल 16 मार्च को धरना एवं भिक्षाटन कार्य किया जाएगा.
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