सदन की मर्यादा पर सवाल खड़ा हो गया

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सदन की मर्यादा पर सवाल खड़ा हो गया

आलोक कुमार  

पटना.बिहार विधानसभा में हर दिन कुछ न कुछ ऐसा हो रहा है, जिससे सदन की मर्यादा पर सवाल खड़े हो रहे हैं.कभी सत्ता पक्ष तो कभी विपक्ष, सदन में अमर्यादित शब्दों का लगातार इस्तेमाल कर रहे हैं.इन माननीय की हरकत भी बढ़ने लगी है. 

बिहार विधानसभा में तो हद हो गई. नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने सदन में भी सीधे-सीधे दादागिरी दिखाने पर उतर आए हैं.हुआ यह कि उनके संबोधन के दौरान बिहार सरकार में गन्ना मंत्री प्रमोद कुमार खड़े हो गए और कल की घटना को लेकर तेजस्वी से माफी मांगने की मांग करने लगे. अपने संबोधन के दौरान हंगामा कर रहे मंत्रियों से पहले तेजस्वी ने बैठ जाने का आग्रह किया, लेकिन जब नहीं मानें तो तेजस्वी यादव बिफर गए. अंगुली दिखाकर मंत्री से कहा कि अगर ऐसा कीजिएगा तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को भी सदन में बोलने नहीं देंगे। 

सदन में विपक्ष तो विपक्ष अब तो सत्ताधारी भी बिहार विधानसभा में विचित्र स्थिति बनाने में बनाने में पीछे नहीं है.आज ये सब कुछ पंचायती राज मंत्री सम्राट चौधरी की विधानसभा अध्यक्ष विजय सिन्हा पर एक टिप्पणी के बाद हुआ. पंचायती राज मंत्री ने एक तरह से विधानसभा अध्यक्ष विजय सिन्हा को चेताते हुए कुछ ऐसा कह दिया जिसे स्पीकर ने आचरण के उलट माना. 

आज तो बिहार सरकार के मंत्री सम्राट चौधरी ने सारी सीमाएं लांघ दी. एक सदस्य के पूछे सभी सवालों के ऑनलाइन जवाब न मिलने को लेकर विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा, मंत्री से पूछ रहे थे. मंत्री का दावा था कि उन्होंने 16 में से 14 सवालों का ऑनलाइन जवाब भिजवा दिया है, जबकि इस पर विस अध्यक्ष विजय सिन्हा ने कहा कि उनके विभाग से सुबह 9 बजे तक 16 में से 11 जवाब ही आए थे जो कि 69 फीसदी हैं. 

विधानसभाध्यक्ष से बातचीत के दौरान ही मंत्री सम्राट चौधरी ने विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा को 'ज्यादा व्याकुल न होने' की सलाह दे डाली. विधानसभा अध्यक्ष ने तुरंत मंत्री को टोकते हुए ये शब्द वापस लेने को कहा, लेकिन मंत्री ने अध्यक्ष को अंगुली दिखाते हुए कहा कि आप ऐसे निर्देश नहीं दे सकते, आप ऐसे सदन नहीं चला सकते. 

विधानसभा अध्यक्ष का जबाव सुनकर मंत्री सम्राट चौधरी ने कहा कि व्याकुल नहीं होना है, आप दिखवा लीजिए। फिर सभाध्यक्ष ने व्याकुल शब्द को वापस लेने की बात कही तो मंत्री बोले कि ऐसे सदन नहीं चलेगा, व्याकुल होने की जरूरत नहीं है। इस पर सभाध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही 12 बजे तक स्थगित कर दी। 12 बजे भी जब सदन की कार्यवाही शुरू करने विधानसभा अध्यक्ष नहीं आए. 

इस घटना के बाद डिप्टी सीएम रेणु देवी, मंत्री जीवेश कुमार, मंत्री नीरज बबलू, संसदीय कार्य मंत्री विजय चौधरी और सचेतक श्रवण कुमार सहित सत्तापक्ष के कई विधायक भी स्पीकर को मनाने उनके कक्ष में पहुंचे.तब भी विधानसभा अध्यक्ष सदन में नहीं आए तो सभापति नरेंद्र नारायण यादव ने कार्यवाही शुरू की और 2 बजे तक के लिए सदन को स्थगित कर दिया. 


नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने ट्वीट कर कहा है कि मैं मर्माहत हूँ. बिहार में सत्ता पक्ष और मंत्री सदन की गरिमा और आसन की महत्ता को तार-तार कर रहे है. सरकार के एक भाजपाई मंत्री अध्यक्ष महोदय की तरफ़ अंगुली उठाकर कह रहे है कि व्याकुल मत होईए.ऐसे सदन नहीं चलेगा.कैसे कैसे लोग मंत्री बन गए है जिन्हें लोकतांत्रिक मर्यादाओं का ज्ञान नहीं?  

किंग कुमार ने ट्वीट कर कहा कि धमकी भरे लहजे में अंगुली दिखा-दिखा कर विधानसभा अध्यक्ष से बात कर रहे ये मंत्री जी भाजपा के ही मंत्री हो सकते है. 
नेता प्रतिपक्ष ने सही कहा था कौन ऐसे लोगों को मंत्री कौन बना देता है ? 

राजेश कुमार ने ट्वीट कर कहा है कि जब सत्ता का अहंकार मन-मस्तिष्क पर छाता है, तब मान्य परंपरा, नियम,आसन का सम्मान एवं मर्यादाओं की इसी तरह धज्जियां उड़ाई जाती है.बात-बात पर विरोधी पक्ष के विधायकों के लिए नियमों की पाठशाला खोलने वाले माननीय मुख्यमंत्री से अपेक्षा होगी कि अपने मंत्री महोदय को भी पाठ पढ़ायेंगे. निर्मल ने ट्वीट कर कहा कि अध्यक्ष महोदय न तो किसी पार्टी के होते है न ही किसी का पक्ष लेते हैं सम्राट चौधरी इतना अच्छा आपका पालन पोषण हुआ है वाह!!अध्यक्ष जी तो अध्यक्ष ही रहेंगे लेकिन आप अपने अब्बू-अम्मा सबका पोल खोल दिये हैं सड़क छाप भाषा का प्रयोग करके. 

बताते चले कि गन्‍ना मंत्री प्रमोद कुमार को सोमवार को तेजस्‍वी यादव ने कह दिया था - गजब है, कैसे-कैसे लोगों को मंत्री बना देते हैं.ठीक से जवाब देना भी नहीं आता. तेजस्‍वी के बिगड़े बोल पर सदन में डिप्‍टी सीएम तारकिशोर प्रसाद सहित सत्‍ता पक्ष के मंत्रियों और विधायकों ने जोरदार प्रतिकार किया था.डिप्‍टी सीएम ने गुस्‍से में यहां तक कहा था कि तेजस्‍वी सदन में गलत परंपरा की शुरूआत कर रहे हैं.नेताओं ने एक सुर में कहा था कि सदन में मंत्री का अपमान बर्दाश्‍त नहीं करेंगे. 

इसके बाद  विधान सभा अध्‍यक्ष विजय कुमार सिन्‍हा ने तुरंत हस्‍तक्षेप किया था.सख्‍त लहजे में कहा कि सदन में धमकी की भाषा नहीं चलेगी.नेता प्रतिपक्ष और मंत्री को सदन की गरिमा और मर्यादा बनाए रखने की नसीहत दी.उन्‍होंने तेजस्‍वी को टोका कि आसन की ओर देखकर बोलिए मंत्री की तरफ नहीं. मगर तेजस्‍वी तब भी नहीं माने. उन्‍होंने कल के वक्‍तव्‍य को उचित ठहराते हुए कहा- हमने सही ही तो कहा.इसमें गलत क्‍या है.काश मंत्री जी सवालों का सही जवाब दे पाते. 

राजद विधायक आलोक मेहता ने विधानसभा अध्यक्ष से कहा कि मंत्री ने नेता प्रतिपक्ष को मुक्का दिखाया है. इसके लिए मंत्री को पूरे सदन से माफी मांगनी चाहिए.विधानसभा अध्यक्ष ने इस वाकए पर अनभिज्ञता जताई और खुद मंत्री से पूछा कि क्या उन्होंने तेजस्वी यादव को मुक्का दिखाया है. मंत्री प्रमोद कुमार ने सफाई दी कि वो तेजस्वी यादव को नहीं, बल्कि मुकेश सहनी को इशारे कर उनकी पीठ में छुरा भोंकने वाला बयान याद दिला रहे थे. हालांकि उनके बयान से नाराज़ तेजस्वी ने खड़े होकर आपत्ति जताई और कहा कि मंत्री का मुझे मुक्का दिखाना अशोभनीय है. 

पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने कहा है कि ये लोग लोकतंत्र के मंदिर में ही लोकतंत्र की धज्जियाँ उड़ा रहे हैं.सदन का अपमान और संसदीय मूल्यों को तार-तार कर ये महाजंगली भाषा एनडीए के महाजंगलराज को पुख़्ता करता है.मंत्री सदन में अंगुली और मुक्का दिखा रहे है.  हीरो सदन में बैठ कर ताली पीट रहे हैं.शर्मनाक!  

राजद युवा का कहना है कि एनडीए के सारे लम्पट मंत्री बना दिए गए हैं.कोई शराब बेचता है, कोई मुक्का दिखाता है, कोई भाई से उद्घाटन करवाता है, कोई बेटे से निरीक्षण करवाता है तो कोई विधानसभा अध्यक्ष से ही तू तू मैं मैं करता है.और मुख्यमंत्री कानों में तेल, आँखों पर पट्टी बांध तमाशबीन बनने को मजबूर हैं. 

रितु जायसवाल ने कहा कि सदन की गरिमा को तार तार करने के लिए भाजपा-जदयू की सरकार को धन्यवाद! माननीय मुख्यमंत्री जी, आखिर कब तक आप सुशाशन की पट्टी आँखों पर बाँधे बैठे रहेंगे? मुंशी प्रेमचंद की पंक्ति याद आती है, "क्या बिगाड़ के डर से ईमान की बात नहीं कहोगे?"  मजे की बात है कि प्रश्नकर्ता,मंत्री और अध्यक्ष भाजपाई हैं.यह कैसी अनुशासित पार्टी है.इस बीच पंचायती राज मंत्री सम्राट चौधरी ने विधानसभा अध्यक्ष विजय सिन्हा से माफी मांग ली है.

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