नीतीश कुमार अब निर्लज्ज कुमार हो गए हैं-तेजस्वी
पटना.आज विपक्षी सदस्यों ने बिहार विधानसभा परिसर में हरी घास पर बैठे और काला काला चश्मा लगाकर समानान्तर सत्र चलाना शुरू कर दिया है.उन्होंने विधानसभा में अपने उपाध्यक्ष पद के उम्मीदवार भूदेव चौधरी को अध्यक्ष चुन लिया है.उन्होंने आगे 'मुख्यमंत्री' चुनने की भी बात कही है. बिहार विधानसभा में मंगलवार को हुए हंगामे जैसे ही हालात अब भी बने थे. बिना विपक्ष के विधानसभा की कार्यवाही जारी कर दी गयी.दूसरी तरफ बाहर विपक्षी विधायकों ने समानान्तर सत्र चलाना शुरू कर दिया. उन्होंने विधानसभा में अपने उपाध्यक्ष पद के उम्मीदवार भूदेव चौधरी को अध्यक्ष चुन लिया है.उन्होंने आगे 'मुख्यमंत्री' चुनने की भी बात कही है.
जानकार लोगों का कहना है कि जनता दल यूनाइटेड और भारतीय जनता पार्टी ने मंगलवार को बिहार की विधानसभा में जो किया, वो शायद 73 साल में कभी नहीं हुआ. प्रजातंत्र की मंदिर विधानसभा के अंदर विधायकों को लात और घुसे से पुलिस द्वारा पिटवाया गया. विधायकों पर पत्थर बाजी हुई. महिला विधायकों को घसीटा गया. विधायकों को मार-मार कर अधमरा कर दिया गया. ऐसा सिर्फ इसलिए क्योंकि वे बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस बिल का कर रहे थे.
विधानसभा सदन में ही पुलिस राज कानून का पहला प्रयोग किया गया.संविधान और संसदीय प्रणाली के तमाम नियमों और परंपराओं को कुचल कर और पुलिस व गुंडों द्वारा विपक्ष को पीट – पीट कर सदन से बाहर कर भाजपा – जदयू ने बिहार को पुलिस राज में बदलने का काला कानून पारित कर दिया. पुलिस राज विधेयक के खिलाफ विपक्ष ने विरोध शुरू कर दिया.विरोध के कारण कई बार सदन स्थगित हुआ.विधान सभा अध्यक्ष और सरकार के आदेश से विधान सभा सदन में बड़ी संख्या में रैपिड एक्शन फोर्स और पुलिस को बुला लिया गया.मार्शल तो पहले से थे ही.खुद बिहार के डीजीपी, पटना के सीनियर एसपी और डीएम की संयुक्त देखरेख में विधायकों को लात – घूसों से मारते – पीटते सदन से जबरन खींच कर बाहर कर दिया गया. मारपीट में खुद सीनियर एसपी और डीएम भी शामिल थे.पूरा सदन पुलिस से भरकर विपक्ष की संपूर्ण अनुपस्थिति में पुलिस राज कानून पारित कर दिया गया. मारपीट पत्रकारों के साथ भी की गई. सीपीआई माले विधायक दल नेता का. महबूब आलम का बांह मरोड़ दिया गया और का. सुदामा प्रसाद को धक्का देकर बाहर कर दिया गया. वे सीढ़ियों से नीचे गिर पड़े जिससे एक उंगली में काफी चोट आई है. सीपीएम के विधायक पिटाई से बेहोश हो गए.एक महिला विधायक की साड़ी खींच दी गई.
इस बीच नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने बड़ा ऐलान किया है. तेजस्वी ने पटना में पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि विपक्ष के तमाम विधायकों ने तय किया है कि जब तक पिटाई करने वाले पुलिसकर्मियों और अधिकारियों पर कार्रवाई नहीं होगी, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सार्वजनिक तौर पर माफी नहीं मांगेंगे, तब तक वे सदन में नहीं जाएंगे. उन्होंने कहा कि पूरा विपक्ष पूरे अगले साल तक या पूरे 5 साल तक सदन का बहिष्कार करेगा.
तेजस्वी ने सीएम नीतीश का किया नया नामकरण
तेजस्वी यादव ने इस दौरान भाषायी मर्यादा का भी उल्लंघन किया. उन्होंने सीएम नीतीश कुमार का नया नामकरण करते हुए 'निर्लज्ज कुमार' किया. नीतीश कुमार अब निर्लज्ज कुमार हो गए हैं. उन्होंने कहा कि विरोधी दल की महिला विधायकों के साथ जब दुर्व्यवहार होता है तो मुख्यंत्री नीतीश कुमार को वह पसंद आता है.
दरअसल, मंगलवार को बिहार विधानसभा के अंदर जो हंगामा और मारपीट हुई, उसको लेकर सियासत गरम है. विपक्ष के सदस्य बुधवार को विधानसभा के अंदर नहीं जाकर, बाहर ही सदन चलाया और अपना विरोध प्रकट किया.तेजस्वी यादव, नेता प्रतिपक्ष इधर, नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव पत्रकारों से बात करते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर सीधा हमला बोला.
उन्होंने कहा कि जिस परिपाटी की शुरुआत की गयी है, वह गलत है. उन्होंने कहा कि जिस पुलिस विधेयक को पारित करया गया है, उससे पूर्व मुख्यमंत्री को भी घसीटकर पीटेंगे. यह भी पढ़ें- 'सरकार तो बदलती रहती है, पूर्व मुख्यमंत्री को घर में घुसकर पीटेंगे, याद रखिए मेरा नाम तेजस्वी यादव है''सी-ग्रेड के नेता हैं नीतीश कुमार'
वहीं, मंगलवार की घटना को लेकर तेजस्वी का तेवर काफी गर्म था. उन्होंने नीतीश कुमार पर हमला करते हुए कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 'सी-ग्रेड' के नेता हैं. मंगलवार को बिहार विधानसभा में जो कुछ भी हुआ, वो सिर्फ और सिर्फ नीतीश कुमार के निर्देश पर हुआ. इस घटना के लिए पूरा देश नीतीश कुमार को कोस रहा है लेकिन उन्हें शर्म भी नहीं आ रही है.
बिहार विधानसभा में मंगलवार को विपक्षी विधायकों से बदसलूकी के मामले पर तेजस्वी मीडिया में अपनी बात रख रहे थे.विधानसभा परिसर में पत्रकारों से बात करते हुए तेजस्वी यादव ने कहा कि 'निर्लज्ज कुमार' को कल बड़ा मजा आ रहा होगा, जब सदन में महिला विधायकों को बाल पकड़ कर घसीटा जा रहा था.इस शर्मनाक घटना के बाद नीतीश कुमार नृत्य-संगीत का आनंद उठा रहे थे.लेकिन तेजस्वी यादव और बिहार की जनता इस वाकये को भूलने वाली नहीं है.
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