दयाशंकर शुक्ल सागर
एक जमाना था जब बालीवुड में महमूद का डंका बजा करता था. आज सोशल मीडिया पर महमूद साहब की ये तस्वीर देखी तो एक दिलचस्प किस्सा याद आ गया. ये उन दिनों की बात है जब मुंबई में अमिताभ फ़िल्मों में जगह बनाने के लिए संघर्ष कर रहे थे. इसी दौरान उनकी मशहूर कमेडियन महमूद के भाई अनवर अली से दोस्ती हो गई. उन दिन महमूद का जलवा हुआ करता था. डासरेक्टर, प्रड्यूसर से लेकर बड़े स्टार तक उनके दरबार में आया जाया करते थे. तब अमिताभ को कोई पूछने वाला नहीं था. बहुत जल्द महमूद अमिताभ के मेंटर बन गए. वे उनकी कार से घूमा फिरा करते थे. अनवर के फ्लैट में रहते थे. असरानी, अनवर और शत्रुघ्न सिन्हा उनके दोस्त हुआ करते थे. महमूद ने अपनी एक फिल्म में खाली बैठे अमिताभ को काम दिया. इसी दौरान एक दिलचस्प घटना हो गई. फिल्म 'बॉम्बे टू गोवा' की रिलीज़ से पहले अमिताभ एक बहुत ही स्मार्ट शख़्स को अपने साथ मुंबई ले आए. महमूद अक्सर नशे की गोली खाने के बाद थोड़े अलग मूड में रहते थे. उनके भाई अनवर ने अमिताभ के साथ आए उस खूबसूरत शख़्स का परिचय महमूद से कराया. लेकिन नशे में होने के कारण महमूद की समझ में कुछ नहीं आया. महमूद ने झट अपनी जेब से 5000 रुपए निकाले और अमिताभ के साथ गए उस शख़्स के हाथ में रख दिए. महमूद ने कहा कि ये शख़्स अमिताभ से ज़्यादा स्मार्ट दिखता है. देखना ये एक दिन इंटरनेशनल स्टार बनेगा. ये पैसे उसे उनकी अगली फ़िल्म में लेने का साइनिंग अमाउंट है.' अमिताभ, उनके साथ आया वो स्मार्ट शख्स और अनवर तीनों हक्के बक्के रह गए. अनवर ने उस शख़्स का महमूद से दोबारा परिचय करवाया. अनवर ने उन्हें बताया कि- 'ये हमारी प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी के बेटे राजीव गाँधी हैं.' ये सुनते ही महमूद कुर्सी से गिरते-गिरते बचे. वे खड़े हुए और माफी मांगते हुए उन्होंने राजीव गाँधी को दिए पैसे वापस ले लिए. तब अमिताभ और राजीव ने ज़ोर का ठहाका लगाया. बाद में अमिताभ बच्चन ने मशहूर पत्रकार, राशिद किदवई से बात करते हुए स्वीकार किया कि महमूद की भविष्यवाणी सही निकली. राजीव सही में इंटरनेशनल स्टार बने, लेकिन एक्टिंग में नहीं बल्कि राजनीति के पर्दे पर. 'फ़िल्मफ़ेयर' पत्रिका में फ़रहाना फ़ारूक को दिए एक और इंटरव्यू में अमिताभ ने महमूद को याद करते हुए कहा था, ''उस समय जब मुझे हर जगह नकारा जा रहा था तो महमूद ही अकेले शख्स थे जो हमेश मेरे लिए बड़े सपने देखते थे. वो मुझे हमेशा danger diabolik कह कर पुकारते थे. उन्होंने मुझे कभी नहीं बताया कि इसका मतलब क्या था? दरअसल ये उस दौर में आई एक इटैलियन हिट फिल्म का नाम था, जिसमें एक सुपर हीरो था. एक बार महमूद ने राजकपूर के साथ काम करने के बाद उनसे फ़रमाइश की कि वो उन्हें अपनी कोई निजी इस्तेमाल की चीज़ दे दें. राजकपूर ने उन्हें हरे रंग का अपना आधी आस्तीन का स्वेटर दे दिया. वो महमूद के लिए उनकी सबसे प्यारी चीज़ हो गई. एक फ़िल्म में मेरे अभिनय से ख़ुश होकर वो मेरे घर आए और राज कपूर का दिया वो स्वेटर मुझे भेंट कर दिया. वो स्वेटर आज भी मेरे पास है."
(अपनी जल्द छपने वाली किताब 'मशहूर लोगों का जिन्दगी नामा' से)
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