शिप्रा शुक्ल
कोयंबटूर। शाम का समय, भीड़ भाड़ वाली सड़क,ऑफिस और स्कूल - कालेज से लौटने की अफरा-तफरी, सामने एक सरकारी बस रुकी और उसमे से दो युवक आप की सफ़ेद टोपी लगाये उतरे और अपने रस्ते चल दिये, रेड लाइट पर रुकी भीड़ में से कुछ लोग पलट कर इन दोनों को देख रहे है , हाथ हिला रहे है तो कुछ इनकी और इशारा करके आपस में बात कर रहे है.
जी नहीं, ये देश की राजधानी दिल्ली का दृश्य नहीं है, जहाँ आप सरकार बनाकर अपनी पहचान दर्ज करा चुकी है. यह दृश्य दक्षिण भारत के एक कोने में बसे तमिलनाडु राज्य के एक मंझोले शहर कोयम्बटोर का है. जाहिर है धीमे से ही सही, पर आप अपनी पहचान बनाने की कोशिश में जुटा हुआ है.
पिछले चार - पांच दशको से तमिलनाडु की राजनीति में अपनी बढत बनाये द्रवियन पार्टियों से मुकाबला आसान नहीं यह बात आप के स्थानीय नेता महसूस करते है, क्योकि स्थानीय दल ग्रास रूट तक पैठे है। यही वजह है कि आप में ग्रा मीण और दूर दरआज के इलाकों में अपनी आवाज़ पहुँचाने पर विशेष जोर दिया जा रहा है.यूनाइटेड नेशन से सेवा निवृत, तंजावुर की मूल निवासी वी सुकुन्था जिन्होंने कई साल देश की राजधानी दिल्ली और यू एस में बिताये है आम आदमी पार्टी की हर गतिविधि का ब्यौरा रखती है. उन्हें आम आदमी पार्टी में बहुत सम्भावनाये नज़र आती है. सुकुन्धा का मानना है कि भ्रष्टाचार दक्षिण में भी बहुत अंदर तक पैठ चुका है और आम आदमी इससे त्रस्त है, इसलिए भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ आप ने अच्छी पहल की है. लेकिन साथ ही सुकुन्था को लगता है कि तमिलनाडु के लोगों के लिए यकायक द्रवियन दलों से दूरी बनाना शायद ही सम्भव हो। तमिल देश की राजनीति में चल रहे इस आंदोलन से बेखबर नहीं है, ,लेकिन सुकुन्था को लगता है दक्षिण भारत उत्तर और मध्य भारत में चल्र रहे आंदोलनों पर थोडा ठहर कर ही प्रतिक्रिया देता है वह चाहे अंग्रजो से उलझने का मामला रहा हो या फिर बाद में रा ष्ट्रीय स्तर पर चले दूसरे आंदोलन।
शायद यही वजह है कि आम आदमी पार्टी के नेतृत्व का जोर तमिलनाडु में पहले कैडर तैयार करने और लोगो में आप की पहचान स्थापित करने पर है। भाषा का सवाल भी अपने तरीक़े से सम्भाले है आप. दिल्ली के चुनाव में तमिल भाषियों के बीच प्रचार के लिए कुछ पार्टी कार्यकर्त्ता तमिलनाडु से दिल्ली जाकर रहे थे और वहाँ प्रचार किया था. इसीतरह अब कार्यकर्त्ता गावं गावं जाकर नुक्कड़ सभा और झाड़ू रैली करने में जुटे है. पिछले कुछ
महीनो में तमिलनाडु में आप के तक़रीबन ४ लाख सदस्य बने है. पार्टी २०१४ चुनावो में तमिलनाडु में ३९ में से १५ पर उम्मीदवार खड़े कर के अपनी उपस्थिति दर्ज करना चाहती है और आप को उदयकुमारन जैसे नामी सामाजिक कार्यकर्त्ता के जुड़ने से पार्टी का आधार बढ़ने की
उम्मीद है। आप के स्थानीय नेता वामन का मानना है कि आप ने अभी अभी पैदा होकर चलना सीखा है , वो दिन दूर नहीं जब वो दौड़ लगाने लगेगा, दस में से पांच लोग आप के बारे में जानने लगे हैं।
जहाँ एक और इंटरनेट और टीवी पर आप को फॉलो करने वाला पढ़ा लिखा युवा वर्ग अक्सर आप के बारे में बात करता या फिर सफ़ेद टोपी पहने मिल जायेगा, वहीँ गृहिणी अनीता सुधाकर ने आप का नाम भी नहीं सुना और वे उसके अस्तित्व से बेखबर है. अनीता राजनितिक दलों के वादों पर विश्वास नहीं करती और मुख्यमत्री जयललिता द्वारा शुरू कि गयी अम्मा रसोई में पांच रुपये कि इडली और १० रुपये कि पानी बोतल को महज दिखावा और लोगों तो उल्लू बनाने का रास्ता मानती है। वैसे ही जैसे , आप के चिन्ह झाड़ू से अपनी रोजी रोटी कमाने वाले स फाई कर्मचारी जयराम कहते है , “कोई भी दल आये , हमें कोई फ़र्क़ नहीं पड़ता हमें तो ज़िन्दगी भ र झाड़ू ही लगाते रहना है, वे जानना चाहते है “क्या आप सड़क साफ करने वालों की तकदीर बदलेगा . . . “कही वेट एंड वाच तो कहीं मिक्स्ड रिएक्शन , लेकिन आप तमिलनाडु की दोतरफा राजनीति के ठहरे पानी में लहरें जरूर पैदा कर रहा है , देखना है कि फ़िल्मी दिग्गजों , स्थानीय सवालो औ र द्रविण नेताओं के काले चश्मे और रंगीन बुर्के के ऊपर सफ़ेद टोपी कब और कितनी फबेगी ।