तानाशाही और दमन बंद करें - माले

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तानाशाही और दमन बंद करें - माले

मुजफ्फरपुर.भाकपा-माले ने नगर आयुक्त के तानाशाही व्यवहार पर रोक लगाने, अतिक्रमण हटाने के नाम पर नागरिकों पर दमन बंद करने की मांग करने वाले सामाजिक कार्यकर्ताओं पर दर्ज फर्जी मुकदमा वापस लेने,  टैक्स के हिसाब से नागरिक सुविधा की गारंटी करने, मुहल्लों व सड़कों को जलजमाव व गंदगी से मुक्त करने जैसे सवालों पर हरिसभा चौक स्थित मुखर्जी सेमिनरी लेन में प्रदर्शन किया. 

मौके पर मांगों से संबंधित पोस्टर व झंडा-बैनर लहराते हुए माले कार्यकर्ताओं ने कहा कि नागरिकों से टैक्स वसूलने के मामले में नगर निगम प्रशासन तो मुस्तैद रहता है लेकिन नागरिक सुविधाओं को बहाल करने के मामले में फिसड्डी जैसी स्थिति है. 

कोरोना महामारी से त्रस्त नगरवासी अब भारी जलजमाव व गंदगी से तबाह हैं.सड़कों व मुहल्लों में ही नहीं लोगों के घरों में पानी भरा हुआ है.हर साल की तरह इस बार भी जल जमाव की निकासी के बहाने लाखों-लाख का घोटाला चल रहा है.लेकिन नगर आयुक्त इसके प्रति लापरवाह बने हुए हैं. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को शहर में जलजमाव व नारकीय स्थिति के लिए नगर आयुक्त को जिम्मेवार ठहराते हुए सख्त कारवाई करनी चाहिए. 

प्रदर्शन में माले नगर सचिव सूरज कुमार सिंह, आफताब आलम, प्रो. अरविंद कुमार डे, शारदा देवी, संतलाल पासवान, रेयाज खान, मो.नौशाद, प्रणव कुमार, अकबर आजम, आबिद हुसैन, राजू सहनी, शफीकुर रहमान, मो.ऐजाज़ सहित अन्य लोग शामिल थे. 
 
इस दौरान माले नेताओं ने आगे कहा कि अतिक्रमण के बहाने शहरी दूकानदारों को उजाड़ाने की धमकी दी जा रही है और इस पर सवाल करने वाले सामाजिक कार्यकर्ताओं तक को फर्जी मुकदमों में फंसाया जा रहा है.नगर आयुक्त के इशारे पर देवीलाल, नसीम अहमद मुन्ना, कन्हाई गुप्ता जैसे लोगों को नगर निगम की जनविरोधी कारगुजारियों पर सवाल उठाने के लिए मुकदमे में फंसाना एक राजनीतिक साजिश है, जिस पर रोक लगनी चाहिए. 

प्रदर्शन के दौरान फूटफाथ दूकानदारों को उजाड़ने पर रोक लगाने, स्मार्ट सिटी के नाम पर करोड़ों की राशि के घपले की उच्च स्तरीय जांच कराने, जलजमाव से परेशान नागरिकों को मुआवजा देने, जलजमाव की निकासी, गंदगी से मुक्ति तथा बड़े पैमाने पर कीटनाशक दवाओं के छिड़काव की गारंटी करने पर जोर दिया गया.

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