लखनऊ. रोजगार के सवाल पर लखनऊ में जारी आंदोलन का समर्थन करने पहुंचे युवा मंच के संयोजक राजेश सचान ने कहा कि प्रदेश में योगी सरकार के प्रोपैगैंडा के उलट बेकारी के हालात भयावह है. भाजपा ने मैनीफेस्टो में वादा किया था कि प्रदेश में रिक्त पदों के बैकलॉग को भरा जायेगा. लेकिन शिक्षा, पुलिस, तकनीकी संवर्ग समेत प्रदेश में 5 लाख रिक्त पदों के बैकलॉग को भरने के लिए योगी सरकार की किसी तरह की पहल दिखती नहीं. उलटे चतुर्थ श्रेणी व प्राथमिक विद्यालयों के प्रधानाचार्य के पदों को ही खत्म कर दिया गया. प्रदेश के मैन्युफैक्चरिंग, कंस्ट्रक्शन, एमएसएमई से लेकर सर्विस सेक्टर हर जगह चौतरफा रोजगार के अवसर घटे है.
यही जमीनी हकीकत है. लेकिन सरकार 4 करोड़ से ज्यादा रोजगार सृजन का प्रोपैगेंडा कर रही है. प्राथमिक शिक्षक भर्ती के 68500, 69000 शिक्षक भर्तियों को सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धि बता रही है जबकि सभी लोग जानते हैं कि यह दोनों भर्तियां प्राथमिक विद्यालयों में रिक्त पदों के बैकलॉग को भरने के लिए नहीं की गई हैं बल्कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर की गई हैं. जिसमें शिक्षा मित्रों के एक लाख सैंतीस हजार समायोजित शिक्षकों को बर्खास्त कर खुली स्पर्धा से भर्ती करने के लिए आदेश दिया था. वास्तव में प्राथमिक विद्यालयों में जो करीब डेढ़ लाख पदों का बैकलॉग मौजूद है, इसके लिए 2016 के बाद कोई भर्ती ही नहीं हुई है और इसी बैकलॉग के 97 हजार शिक्षक पदों के लिए योगी सरकार ने युवाओं से वादा किया था, जिससे आज मुकर रही है. युवा मंच ने योगी सरकार पर छात्रों के शांतिपूर्ण ढंग से जारी आंदोलन के दमन का आरोप लगाया. कहा कि युवा अब इनकी घोषणाओं के झांसे में आने वाले नहीं है और चुनाव में भी रोजगार के सवाल को प्रमुख मुद्दा बनाया जायेगा. उन्होंने विपक्षी दलों से कहा कि रोजगार को लेकर युवाओं के आंदोलन का समर्थन करें और अपने चुनाव मैनीफेस्टो में युवा आंदोलन के समर्थन में दो मुद्दे शामिल करें, पहला यह कि रोजगार को मौलिक अधिकार बनाने की मुहिम में मदद करेंगे और दूसरा यह कि प्रदेश में 5 लाख रिक्त पदों के बैकलॉग को समयबद्ध भरा जायेगा.
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