जिला मुख्यालयों पर होगा आशा कार्यकर्ताओं का प्रदर्शन

गोवा की आजादी में लोहिया का योगदान पत्रकारों पर हमले के खिलाफ पटना में नागरिक प्रतिवाद सीएम के पीछे सीबीआई ठाकुर का कुआं'पर बवाल रूकने का नाम नहीं ले रहा भाजपा ने बिधूड़ी का कद और बढ़ाया आखिर मोदी है, तो मुमकिन है बिधूड़ी की सदस्य्ता रद्द करने की मांग रमेश बिधूडी तो मोहरा है आरएसएस ने महिला आरक्षण विधेयक का दबाव डाला और रविशंकर , हर्षवर्धन हंस रहे थे संजय गांधी अस्पताल के चार सौ कर्मचारी बेरोजगार महिला आरक्षण को तत्काल लागू करने से कौन रोक रहा है? स्मृति ईरानी और सोनिया गांधी आमने-सामने देवभूमि में समाजवादी शंखनाद भाजपाई तो उत्पात की तैयारी में हैं . दीपंकर भट्टाचार्य घोषी का उद्घोष , न रहे कोई मदहोश! भाजपा हटाओ-देश बचाओ अभियान की गई समीक्षा आचार्य विनोबा भावे को याद किया स्कीम वर्करों का पहला राष्ट्रीय सम्मेलन संपन्न क्या सोच रहे हैं मोदी ?

जिला मुख्यालयों पर होगा आशा कार्यकर्ताओं का प्रदर्शन

आलोक कुमार 
टनकपुर.ऐक्टू व सीटू से जुड़ी आशा यूनियनें पूरे प्रदेश में 23 जुलाई 2021 से चरणबद्ध तरीके से अपनी मांगों को लेकर आंदोलन करेंगी.इसकी तैयारी में टनकपुर पंचायत भवन में ऐक्टू से संबद्ध उत्तराखण्ड आशा हेल्थ वर्कर्स यूनियन की बैठक हुई. 

बैठक को संबोधित करते हुए ऐक्टू के प्रदेश महामंत्री के के बोरा ने कहा कि, "मोदी सरकार आशाओं समेत सभी महिला कामगारों का खुला शोषण कर रही है.इस सरकार ने कामगारों के अधिकारों को खत्म करने के लिए श्रम कानूनों को खत्म कर दिया है. यह सरकार मुफ्त में जमकर काम कराने के फार्मूले पर चल रही है और आशाओं इसने बंधुवा मजदूर बना कर रख दिया है." 

ऐक्टू से संबद्ध उत्तराखंड आशा हेल्थ वर्कर्स यूनियन के प्रदेश महामंत्री डॉ कैलाश पाण्डेय ने कहा कि, "सरकार आशाओं से बहुत ज्यादा काम ले रही है किंतु मानदेय के नाम पर कुछ भी नही दे रही है.8 मार्च को अंतराष्ट्रीय महिला दिवस पर तत्कालीन मुख्यमंत्री  द्वारा कोरोना काल में अपनी बेहतरीन सेवा देने के लिए आशाओं को दस हजार रु प्रोत्साहन देने की घोषणा की गई थी लेकिन अभी तक यह पैसा आशाओं के खाते में नहीं आया है.उनके बाद बने मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत द्वारा इसका कोई संज्ञान नहीं लिया गया जबकि आशाओं द्वारा कई बार अपनी मांगों को उठाया गया. 

अब हम वर्तमान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मांग करते है की वे तत्काल निम्न मांगों पर त्वरित कार्यवाही करते हुए मांगे पूरी करेंगे जिसमें आशाओ को भी आंगनबाड़ी की तर्ज पर मानदेय दिया जाए , मानदेय न्यूनतम वेतन के बराबर दिया जाए , आशाओं को ई.एस.आई. का स्वास्थ्य बीमा का लाभ दिया जाए या इसकी तर्ज पर ही स्वास्थ्य बीमा किया जाए , सभी आशाओ को सामाजिक सुरक्षा दी जाए , कोरोना काल का मासिक दस हजार रुपये कोरोना भत्ता दिया जाय, रिटायरमेंट पर पेंशन का प्रावधान किया जाय,विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार पर रोक लगाई जाए तथा आशाओं के शोषण पर रोक लगे तथा उनके साथ अस्पतालों में सम्मानजनक व्यवहार किया जाय." 

आशा यूनियन की राज्य कार्यकारिणी सदस्य लीला ठाकुर ने कहा कि, "आगामी 23 जुलाई 2021 को ब्लॉक मुख्यालयों पर धरना-प्रदर्शन कर मुख्यमंत्री  व प्रधानमंत्री को ज्ञापन भेजे जाएंगे उसके पश्चात 30 जुलाई 2021 को जिला मुख्यालयों पर आशाएँ प्रदर्शन करेंगी. इसके बाद भी अगर समाधान न हुआ तो राजधानी देहरादून में राज्य स्तरीय प्रदर्शन किया जाएगा.इसके पश्चात भी सरकार नहीं मानी तो हड़ताल ही अंतिम विकल्प होगा." 

ब्लॉक अध्यक्ष शीला मौनी की अध्यक्षता में हुई बैठक में के के बोरा, डॉ कैलाश पाण्डेय, लीला ठाकुर के अतिरिक्त बबीता महर, प्रोमिला सिंह, मीना चंद, निर्मला महर, मंजू गड़कोटी, अनिता जोशी, मोहिनी जुकरिया, दीपा देवी , शकुंतला भंडारी, रीता उप्रेती, जानकी देवी, भुवनेश्वरी भट्ट, प्रेमवती देवी, सावित्री बिष्ट, लीला नेगी, मंजू जोशी, गीता खर्कवाल, आशा धामी, देवकी देवी आदि बड़ी संख्या में आशा वर्कर्स मौजूद रहीं.

  • |

Comments

Subscribe

Receive updates and latest news direct from our team. Simply enter your email below :