पटना में 'महिला संसद'

गोवा की आजादी में लोहिया का योगदान पत्रकारों पर हमले के खिलाफ पटना में नागरिक प्रतिवाद सीएम के पीछे सीबीआई ठाकुर का कुआं'पर बवाल रूकने का नाम नहीं ले रहा भाजपा ने बिधूड़ी का कद और बढ़ाया आखिर मोदी है, तो मुमकिन है बिधूड़ी की सदस्य्ता रद्द करने की मांग रमेश बिधूडी तो मोहरा है आरएसएस ने महिला आरक्षण विधेयक का दबाव डाला और रविशंकर , हर्षवर्धन हंस रहे थे संजय गांधी अस्पताल के चार सौ कर्मचारी बेरोजगार महिला आरक्षण को तत्काल लागू करने से कौन रोक रहा है? स्मृति ईरानी और सोनिया गांधी आमने-सामने देवभूमि में समाजवादी शंखनाद भाजपाई तो उत्पात की तैयारी में हैं . दीपंकर भट्टाचार्य घोषी का उद्घोष , न रहे कोई मदहोश! भाजपा हटाओ-देश बचाओ अभियान की गई समीक्षा आचार्य विनोबा भावे को याद किया स्कीम वर्करों का पहला राष्ट्रीय सम्मेलन संपन्न क्या सोच रहे हैं मोदी ?

पटना में 'महिला संसद'

आलोक कुमार 
पटना.9 अगस्त क्रांति दिवस को आज ऐपवा ने पटना में एक 'महिला संसद' का आयोजन किया.काले कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग पर दिल्ली में आज जंतर मंतर पर समानांतर महिला किसान संसद का आयोजन किया गया था, उसके समर्थन में आज पटना में महिला संसद का आयोजन किया गया. 

इस संसद में राज्य के कई जिलों से महिलाएं शामिल हुईं. प्रो. भारतीय  एस कुमार को इस संसद का विधिवत स्पीकर चुना गया. इस महिला संसद में  कृषि, श्रम, स्वास्थ्य, मंहगाई, महिला उत्पीड़न से संबंधित पांच बिल पेश किए गए. 

मोदी सरकार द्वारा लाए गए काले कृषि कानूनों को रद्द कर जन पक्षीय कृषि कानून बनाने संबंधी बिल ऐपवा की राज्य अध्यक्ष सरोज चौबे ने रखा. स्वास्थ अधिकार को मौलिक अधिकार में शामिल करने संबंधी बिल शशि यादव ने रखा. श्रम कानूनों को रद्द कर मजदूरों के अधिकारों की गारंटी वाले श्रम कानून का बिल समता राय ने प्रस्तावित किया. रसोई गैस और खाद्य पदार्थों की कीमत एक सीमा से आगे न बढ़ाने और महंगाई पर अंकुश संबंधी बिल रीता वर्णवाल ने पेश किया वहीं महिला उत्पीड़न विरोध विधेयक माधुरी गुप्ता ने पेश किया. 

इन पांचों बिलों पर महिलाओं ने जमकर बहस की. बिल के समर्थन में प्रो. दिव्या गौतम, एडवोकेट मंजू शर्मा, डॉ. प्रेमा देवी, राजद महिला मोर्चा की नेता आभालता यादव, प्रतिमा यादव, जूही निशां, आसमां खान, अफ्शां जबीं, रीना प्रसाद, दमयंती सिन्हा, ज्योति कुमारी और अनुराधा देवी ने अपनी बातें रखीं. बहस के बाद स्पीकर की देख रेख में ये सभी बिल पास किए गए. 

ऐपवा की महासचिव मीना तिवारी ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा इन मुद्दों पर आंदोलन तेज किया जाएगा. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार को पेगासस पर जवाब देना ही होगा कि भारतीय नागरिकों की जासूसी का कौन जिम्मेदार है.  
 

  • |

Comments

Subscribe

Receive updates and latest news direct from our team. Simply enter your email below :