आलोक कुमार
मुजफ्फरपुर.भाकपा-माले, किसान महासभा व खेत मजदूर सभा ने जिलधिकारी कार्यालय पर धरना देकर मुजफ्फरपुर जिला को बाढ़ग्रस्त क्षेत्र घोषित करने, शहर से गांव तक भारी जलजमाव को दूर करने, पर्याप्त बाढ़ राहत, किसान व बटाईदारों को 25हजार प्रति एकड़ फसल क्षति मुआवजा देने की मांग सरकार से की.
इस संबंध में सात सदस्यीय प्रतिनिधि मंडल के द्वारा जिलधिकारी को पांच सूत्री मांग-पत्र भी प्रस्तुत किया गया. सरकार से यह भी मांग की गई कि शहर से गांव तक सभी बाढ़ पीड़ित परिवारों को 10हजार रुपये तथा एक-एक क्विंटल चावल-गेहूं सहित जरूरी सामग्री, मुहल्लों व गांवों में मेडिकल कैंप तथा मच्छरों व किटाणुओं से बचाव के लिए नियमित छिड़काव की गारंटी की जाए.
धरना में माले जिला सचिव कृष्णमोहन, किसान महासभा के जिला सचिव जितेन्द्र यादव व विन्देश्वर साह, खेग्रामस के जिला सचिव शत्रुघ्न सहनी व अध्यक्ष रामनंदन पासवान, माले नगर सचिव सूरज कुमार सिंह, इंसाफ मंच के राज्य उपाध्यक्ष आफताब आलम व राज्य प्रवक्ता असलम रहमानी, किसान नेता होरिल राय, रामबली मेहता, ऐक्टू के जिला संयोजक मनोज यादव, नौजवान सभा के जिला अध्यक्ष विवेक कुमार, मुकेश कुमार पासवान, जयशंकर सहनी, आइसा के दीपक कुमार व अजीत कुमार,रसोइया संघ के जिला सचिव परशुराम पाठक, माले कार्यालय सचिव संतलाल पासवान, विजय गुप्ता, मुन्ना कुरैशी, उमेश भारती, इंसाफ मंच के जिला अध्यक्ष फहद जमां, रेयाज खान सहित बड़ी संख्या में किसान व मजदूर, महिलाएं व नौजवान शामिल थे.
धरना को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि महीनों से भारी जलजमाव से शहर से गांव तक नारकीय स्थिति बन गई है. सड़क, मुहल्लों, गांव-टोले और घरों में भारी जलजमाव से लोग त्रस्त हैं. लोगों का जीना दूभर हो गया है.बड़ी संख्या में लोग बीमारी के शिकार हो रहे हैं. गरीबों व आमलोगों में रोजगार के संकट के साथ भुखमरी की स्थिति है.लेकिन नीतीश सरकार और प्रशासन का रवैया बेपरवाह बना हुआ है. सरकार बड़े पैमाने पर राहत तथा जलजमाव से मुक्ति के लिए बड़े पैमाने पर अभियान चलाने के मामले में कहीं से गंभीर नहीं है.
वक्ताओं ने आगे कहा कि इस भयावह संकट के दौर में आमलोगों को मदद पहुंचाने के बदले शहर के सैकड़ों फूटफाथ दूकानदारों व अतिक्रमण के बहाने सैकड़ों गरीबों को उजाड़ा जा रहा है. गरीबों व आमलोगों को बसाने व रोजगार देने की जगह उजाड़ना लोगों की जिन्दगी से खिलवाड़ और मानवाधिकार का हनन है.उन्होंने सरकार से मांग की कि उजाड़े गए लोगों के पुनर्वास व फूटफाथ दूकानदारों को दूकान के लिए जगह दें.
इस दौरान माले नेताओं ने यह भी घोषणा की कि शहर में भारी जलजमाव से मुक्ति तथा उजाड़े गए लोगों को पुनर्वास तथा फूटफाथ दूकानदारों के सवाल पर 2सितंबर को माले नगर इकाई की ओर से जिलाधिकारी कार्यालय पर प्रदर्शन किया जायेगा.
धरना के दौरान किसान विरोधी तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने के लिए तथा मोदी के कॉरपोरेट कंपनी राज के खिलाफ संयुक्त किसान मोर्चा के द्वारा दिल्ली के सिंघू बोर्डर से 25सितंबर को भारत बंद के आह्वान को शहर से गांव तक सफल करने की भी माले, किसान व मजदूर नेताओं ने घोषणा की.
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