चंचल
चुआ गुरु अरसे बाद नमूदार हुए हैं . उनके बगल, चौकी के सट कर खड़ा एक मरियल सा खौरहवा कुकुर जीभ निकाले हांफ रहा है . चुआ गुरु दोने में जलेबी लिए बैठे हैं . कुकुर कभी जलेबी का दोना और कभी चुआ गुरु की आंख देख रहा है . दूसरी चौकी पर पसरे बैठे उमा गुरु ने जिज्ञासा व्यक्त की .
- चुआ गुरु ! गर इसे फोटो में कैद कर लिया जाय तो गजब का मंजर दिखेगा. हर अखबार इसे जरूर छापेंगे.
- अखबार ? ई अखबार देखे हो ?
चुआ गुरु ने दूसरे हाथ से एक अखबार लहराया -
- नम्बर एक पर है , पर इस खौरहवा कुकुर से कम नही है , देख लो . लखीमपुर की खबर का हेडिंग देखो , 6 कालम में , एक्सट्रा बोल्ड , लिखता है , - लखीमपुरमे किसान उपद्रव से आठ लोग मरे. इसे कहते हैं-' गुरही जीभ' . ई कुकुर को देखो . ससुरा के गुर (गुड़) के सीरा
देख के लार टपक रही है . दोना चाटते चाटते सरा बदरंग हो गया है . हर ड्योढ़ी पे मारा जाता है . दुरदुराया जाता है . पर लत से मजबूर . ई कुकुर औ उ अखबार में कौन ज्यादा कुकुर है समझ नही आ रहा गुरु .
- का हेडिंग दिया है गुरु ?
- तुम्हरे मठ में ई अखबार नॉय आता का ?
- आता है , पर पंडिताइन उसे बगैर खोले , कैंची से काट काट के टुकड़ा टुकड़ा कर देती है .
- पुड़िया बनाये वास्ते ?
- ना गुरु ! एक अंग्रेज मेम किराएदार है उ ले जाती है
- का वास्ते उमा गुरु ?
- पूछ के जंजाल लेइ , होए कुछ गुप्त इस्तेमाल . ऐसे अखबार की कीमत उ लोग ज्यादा जानते हैं .
- ऐसी खबर जो लोग लिखता है , उ कौन लोग हैं ?
- मर गए चचा खुशवन्त , कौन बताए कि ये पत्रकार कहाँ से पैदा हुए ?
- कुछ मत बोलो गुरु ! आज आपके हाथ मे दोना है , आपके सामने पूछ हिला रहा है , कल किसी और के हाथ मे दोना होगा तो ये वहां मिलेगा इसी तरह . इसे कहते हैं
गुरही जीभ.
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