आलोक कुमार
पटना.महागठबंधन का बंधन टूट गया.वर्तमान में बिहार विधानसभा उपचुनाव में महागठबंधन टूट गया.भविष्य में अखिल भारतीय कांग्रेस पार्टी एकला चलो की रणनीति पर ही चलेगी.कांग्रेस अब अपनी अलग (एकला चलो) रणनीति बनाने में जुट गई है. कांग्रेस के नेता हालांकि खुलकर इसे स्वीकार तो नहीं करते हैं.बिहार में कांग्रेस सक्रिय हो गई है. वह अब अपने दम पर चुनाव की रणनीति बनाने की ओर बढ़ने लगी है.
पिछले साल नवंबर में संपन्न हुए बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान महागठबंधन में रहे राजद-कांग्रेस ने दो सीटों पर होने वाले इलेक्शन के लिए अपने-अपने उम्मीदवार उतार दिए हैं. राजद ने कुश्वेश्वरस्थान से गणेश भारती को तो तारापुर से अरुण कुमार साह को टिकट दिया है.वहीं राजद की ओर से कुशेश्वरस्थान और तारापुर विधानसभा सीटों के लिए प्रत्याशी घोषित करने के दूसरे दिन बाद मंगलवार को कांग्रेस ने भी उम्मीदवार घोषित कर दिए हैं. कांग्रेस ने कुशेश्वरस्थान से अतिरेक कुमार और तारापुर से राजेश कुमार मिश्रा को अपना उम्मीदवार बनाया है.इसके साथ ही दोनों दलों की राह अलग हो गई हैं.बड़ी बात ये है कि कांग्रेस में एंट्री के साथ ही तेजस्वी यादव के सामने कन्हैया कुमार आएंगे.दोनों ही अपने प्रत्याशियों के समर्थन में वोट मांगेंगे. इस बीच चर्चा इस बात की भी है कि इलेक्शन में लालू यादव भी प्रचार करने पटना आ सकते हैं.
एनडीए की ओर से तारापुर से राजीव कुमार सिंह (जेडीयू) को टिकट दिया गया है. वहीं कुशेश्वरस्थान से अमन भूषण हजारी (जेडीयू) पर भरोसा जताया गया है.बिहार में विधानसभा की दो सीटों पर हो रहे उपचुनाव को लेकर मंगलवार को एनडीए के प्रत्याशियों ने अपना नामांकन का पर्चा दाखिल कर दिया. तारापुर विधानसभा सीट से एनडीए की ओर से जदयू प्रत्याशी राजीव कुमार सिंह और कुशेश्वरस्थान विधासनभा सीट से अमन भूषण हजारी ने नामांकन दाखिल किया.
जदयू के उम्मीदवार राजीव कुमार सिंह ने नामांकन के दौरान दाखिल किए गए शपथ-पत्र में तीन संगीन मामलों के बारे में बताया है.राजीव कुमार सिंह के खिलाफ यह मामला तारापुर थाने में 2014 में दर्ज हुआ था.इनके घर के सामने गोदाम में अचानक बम विस्फोट हुआ, जिसका इनके ऊपर आरोप लगा.पुलिस ने जांच के बाद विस्फोटक पदार्थ अधिनियम के तहत राजीव कुमार सिंह के खिलाफ केस दर्ज किया था.यह केस मुंगेर की अदालत में लंबित है.
जदयू प्रत्याशी राजीव कुमार सिंह पर दूसरा केस आर्म्स एक्ट में दर्ज किया गया. यह केस वर्ष 1994 में अवैध हथियार रखने के आरोप में तारापुर थाना में दर्ज किया गया था.यह मामला भी मुंगेर के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की कोर्ट में लंबित है.
जदयू के तारापुर विधानसभा सीट से प्रत्याशी राजीव कुमार सिंह पर हत्या की कोशिश करने का मामला तारापुर थाना में ही दर्ज है. आरोप है कि लोगों की भीड़ जुटाकर राजीव कुमार सिंह ने एक शख्स के ऊपर जानलेवा हमला किया था.यह केस भी मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी मुंगेर की अदालत में चल रहा है.
बता दें कि बिहार के तारापुर और कुशेश्वरस्थान सीट पर उपचुनाव हो रहा है.विधानसभा चुनाव 2020 में दोनों सीटों पर जदयू के प्रत्याशी विजयी हुए थे. कुशेश्वरस्थान से विधायक शशिभूषण हजारी तथा तारापुर के विधायक मेवालाल चौधरी के निधन के बाद दोनों सीटों पर उपचुनाव हो रहा है.इन दोनों विधानसभा क्षेत्रों में 30 अक्टूबर को वोट डाले जाएंगे, जबकि दो नवंबर को परिणाम घोषित होगा.प्रत्याशी आठ अक्टूबर तक नामांकन का पर्चा दाखिल कर सकते हैं.
बता दें कि 30 अक्टूबर को बिहार में दो सीटों पर विधानसभा चुनाव का मतदान होना है. इसको लेकर एनडीए और महागबंधन में चुनावी तैयारी शुरू हो गयी थी. इस बीच एनडीए ने चुनाव में प्रत्याशी का मसला सुलझा लिया था, लेकिन महगबंधन में सीट शेयरिंग को लेकर राजद और कांग्रेस अपने-अपने दांवे कर रहे थे. इस बीच राजद ने दोनों सीट पर प्रत्याशी उतार दिया. इससे नाराज कांग्रेस ने भी अब दोनों सीट पर प्रत्याशी उतार दिया है.
इस बीच चुनाव आयोग ने पशुपति पारस को राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी (RLJP) और चुनाव चिह्न सिलाई मशीन तो चिराग पासवान को उनके पिता के नाम के साथ लोक जनशक्ति पार्टी (राम विलास) (LJP- R) और हेलीकॉप्टर चुनाव चिन्ह आवंटित किया है.बता दें कि लोक जनशक्ति पार्टी और चुनाव चिह्न बंगला पर आयोग का अंतिम फैसला 5 नवंबर यानी बिहार विधानसभा के दो सीटों पर होने वाले उप चुनाव के बाद आएगा.एलजेपी-आर के अध्यक्ष चिराग पासवान (Chirag Paswan) ने बिहार विधानसभा उपचुनाव (BY-Election) लड़ने का ऐलान किया है. लोक जनशक्ति पार्टी (राम विलास) के नेता चिराग पासवान 2 सीटों पर होने वाले उपचुनाव में अपनी पार्टी की तरफ से उम्मीदवार उतारने जा रहे हैं. चिराग ने कहा कि विधानसभा की दो सीट तारापुर और कुशेश्वरस्थान पर होने वाले उपचुनाव में LJP भी किस्मत आजमाएगी. बिहार विधानसभा चुनाव में भले ही उनकी पार्टी को महज एक सीट पर जीत मिली हो लेकिन चिराग के हौसले अभी भी बुलंद हैं.
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