रघुवंश बाबू और लालू की चिठ्ठी

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रघुवंश बाबू और लालू की चिठ्ठी

आलोक कुमार
पटना. आज बिहार में दो चिठ्ठी चर्चा में है .एक रघुवंश बाबू ने लालू यादव को लिखी तो दूसरी लालू ने उन्हें .पूर्व केंद्रीय मंत्री व राजद के उपाध्यक्ष हैं रघुवंश प्रसाद सिंह. राजद के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव से संबंध बहुत ही बेहतर है. राजद से रघुवंश बाबू को 2014 में टिकट मिला.लोजपा ने  रघुवंश बाबू के खिलाफ रामा सिंह को उतारा.इसमें रघुवंश चुनाव हार गए. हालांकि उस चुनाव से पहले ही दोनों नेताओं के बीच सियासी दुश्मनी थी. लोजपा के टिकट पर रामा सिंह लोकसभा जा पहुंचे. उस  चुनाव में पराजित होने पर रघुवंश बाबू और रामा सिंह आमने-सामने आ गये.

कहा जाता है कि सियायत में कोई दोस्त न और कोई दुश्मन नहीं होता है.पर रघुवंश बाबू तो रामा सिंह को दुश्मन नम्बर वन समझ बैठे हैं. अब देखिए 2019 के लोकसभा चुनाव में लोजपा ने रामा सिंह को टिकट नहीं दिया. तब राजद ने रामा सिंह को अपने पाले में लाने की कोशिश की थी लेकिन, रघुवंश प्रसाद के विरोध के आगे पार्टी को झुकना पड़ा था. जो आज भी बरकरार है. जहां तक रामा सिंह का सवाल है, उनकी राजद में एंट्री पर अभी भी ग्रहण लगा हुआ है. पार्टी सूत्रों ने दावा किया है कि उनकी एंट्री तभी हो पायेगी, जब वरिष्ठ नेता डाॅ रघुवंश प्रसाद सिंह की हरी झंडी मिल जायेगी.पार्टी का शीर्ष नेतृत्व रघुवंश प्रसाद सिंह की कीमत पर उन्हें पार्टी में शामिल नहीं करने जा रहा है.सूत्रों के मुताबिक रघुवंश प्रसाद सिंह को इस संबंध में कैसे मनाया जाये, इस पर विचार कर रही है.सूत्रों के मुताबिक जब तक रघुवंश प्रसाद सिंह स्वस्थ हाेकर पटना नहीं आ जाते, जब तक रामा सिंह राजद में नहीं आ सकेंगे.

किसी भी हाल में रामा सिंह काे राजद में एंट्री नहीं होने देने के लिए 'रिजाइनेशन पॉलिट्रिक्स' खेलने लगे. पहली बार पटना एम्स में कोरोना पॉजिटिव के कारण भर्ती थे तो राजद में रामा सिंह के एंट्री को लेकर इस्तीफा दिये थे. पूर्व सांसद रामा सिंह को पार्टी में लाने की कोशिशों से नाराज राजद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवंश प्रसाद सिंह ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया. रामा सिंह ने पिछले दिनों ही तेजस्वी यादव से मुलाकात की थी. इसके बाद यह तय माना जा रहा था कि वह राजद में शामिल हो जाएंगे. रामा के 29 जून को राजद ज्वाइन करने की बात कही जा रही है. इसी बात से रघुवंश प्रसाद सिंह काफी नाराज थे. इसके बाद रामा सिंह ने खुद ऐलान किया था कि वो 29 अगस्त को राजद में शामिल हो जाएंगे. इस पर रघुवंश सिंह ने नाराजगी जताई थी. वहीं पार्टी ने पहले या अभी रामा सिंह को राजद में शामिल करने को लेकर कोई घोषणा नहीं की थी. वहीं नेता विपक्ष तेजस्वी यादव ने दिल्ली के अस्पताल में मिलने के बहाने उनको मनाने का भी प्रयास किया था.इससे पहले भी एक बार रामा सिंह की एंट्री पार्टी में रोकी जा चुकी है.

अब बिहार विधानसभा चुनाव सिर पर है और पार्टी जीतने वाले उम्मीदवार की तलाश कर रही है. यही वजह है कि राजद ने रामा सिंह को पार्टी में लाने की पूरी तैयारी कर ली है. यह बात रघुवंश प्रसाद सिंह को अखर रही है और बताया जा रहा है कि इसी वजह से उन्होंने पद से इस्तीफा दे दिया. रघुवंश प्रसाद सिंह राजद में बड़े सवर्ण चेहरे हैं और ऊंची जातियों के वोट को अपने पाले में लाने वाले नेता हैं. वैशाली लोकसभा क्षेत्र में इनकी मजबूत पकड़ है.दूसरी बार दिल्ली एम्स में इलाज करवाने दरम्यान इस्तीफा दिये हैं.लालू प्रसाद यादव के मना करने पर रामा सिंह को राजद में नहीं लिया गया.इसी से अटकलें शुरू हुईं कि पूर्व केन्द्रीय मंत्री रघुवंश प्रसाद सिंह को मनाने की कोशिश में रामा सिंह को राजद में नहीं लिया जा रहा है.इसे रघुवंश सिंह को मनाने के अंतिम प्रयास के रूप में माना जा रहा है.

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