नरेंद्र सिंह की सुरक्षा की गारंटी कौन लेगा

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नरेंद्र सिंह की सुरक्षा की गारंटी कौन लेगा

आलोक कुमार 

पटना.आखिरकार ऐसा व्यवहार सरकार पूर्व कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह के साथ क्यों कर रही है. सन् 74 छात्र आंदोलन के संचालक मंडल के सबसे प्रमुख नेता रहे हैं. जेपी आंदोलन में सक्रिय रूप से कार्य करने के कारण नरेंद्र बाबू को जेपी के दत्तक पुत्र के रूप में जाने जाते हैं.

मालूम हो कि नीतीश सरकार में नरेंद्र सिंह मंत्री थे. वे जदयू कोटे से विधान पार्षद भी थे, लेकिन बाद में उनकी सदस्यता चली गई थी.इसके बाद नरेंद्र बाबू के साथ सरकार खेल खेलने लगी.राज्य सरकार ने वर्ष 2009 में श्री सिंह के ऊपर आसन ‌‍उग्रवादी खतरे को देखते हुए अपने पत्रांक संख्या 5831 दिनांक 4 अगस्त 2009 को जेड श्रेणी की सुरक्षा प्रदान किया. पुन: जिला प्रशासन जमुई द्वारा श्री सिंह पर खतरे की गंभीरता को देखते हुए जिलाधिकारी जमुई ने पत्रांक संख्या 1836 दिनांक 27 अक्टूबर 2014 को पूर्ण विवरण के साथ उनकी सुरक्षा जेड श्रेणी से बढ़ाकर जेड प्लस करने की अनुशंसा पुलिस महानिदेशक एवं गृह विभाग को भेजा.पुन: जिला अधिकारी जमुई एवं आरक्षी अधीक्षक जमुई ने पत्रांक संख्या 1965 दिनांक 14 नवम्बर 2014 को दोबारा नरेंद्र सिंह की सुरक्षा जेड प्लस श्रेणी करने की अनुशंसा गृह सचिव को भेजा.


इसके बाद नरेंद्र बाबू के बारे में इस फिल्मी गीत से समझा जा सकता है.संडे को प्यार हुआ, मंडे को इकरार हुआ और वन डे न जाने क्या होगा? समझा जाता है कि जब नरेंद्र सिंह जदयू में और बिहार विधान पार्षद थे, तो 2015 में जेड प्लस श्रेणी की सुरक्षा दी गयी थी प्यार से .जब पूर्व मंत्री जदयू से इकरार करके 2016 में हम - सेक्युलर में प्रवेश किया तो उनकी सुरक्षा घटाकर वाई श्रेणी की सुरक्षा में तब्दील कर दी. वन डे न जाने सरकार ने वाई श्रेणी 2020 में वापस कर ली.


बता दें कि जेड प्लस श्रेणी की सुरक्षा में दो एस्कॉर्ट (एक-तीन का), दो निजी अंगरक्षक (एक यूनिफॉर्म, दूसरा बिना यूनिफॉर्म के), एक बुलेट प्रूफ कार, दो वाचर और राज्य पुलिस से एक इंस्पेक्टर रैंक के अधिकारी की चौबीसों घंटे तैनाती रहती है. घर पर जरूरत के मुताबिक सुरक्षा गार्ड (इसमें सीआरपीएफ या सीआइएसएफ या अन्य पारा मिलिट्री फोर्स तैनात रहते). कमांडो की संख्या निर्धारित नहीं होती है. अगर घर का आकार बड़ा है, तो कमांडो की संख्या बढ़ायी भी जा सकती है. इसके अलावा घर और कार्यालय पर चौबीस घंटे की सुरक्षा रहती है. रेगुलर चेकिंग से होकर इनके पास मिलने वालों को गुजरना पड़ता है. मेटर डिटेक्टर और एंटी-सवरेरटाज जैसी आधुनिक मशीनें सुरक्षा के इंतजाम में लगी रहती हैं. जब इनका काफिला चलता है, तो एक वार्निग कार और पायलट गाड़ी आगे-आगे चलती है. एक अतिरिक्त गाड़ी साथ में तथा एक टेल कटर (पीछे से कोई अनजान गाड़ी धक्का नहीं मार सके) गाड़ी पीछे चलती है.


बता दे है कि गृह विभाग के मुताबिक पूर्व मंत्री नरेन्द्र सिंह को अब तक जेड प्लस श्रेणी की सुरक्षा मिली थी. इसमें बॉडीगार्ड और हाउस गार्ड के साथ स्कॉर्ट की भी व्यवस्था होती है. बाद में उन्हें जेड प्लस की जगह वाई श्रेणी का सुरक्षा घेरा दिया गया. इसमें स्कॉर्ट नहीं होता है.फिर श्री नरेंद्र सिंह ने अपनी सुरक्षा को बढ़ाए जाने के लिए मुख्यमंत्री को दर्जनों बार पत्र लिखा तथा मिलकर भी अनुरोध किया.यह सर्वविदित है कि श्री नरेंद्र सिंह अपने प्रारंभिक जीवन से ही आम आवाम के लिए संघर्षरत रहे हैं.

इस बीच बिहार नवनिर्माण मोर्चा के महासचिव सह प्रवक्ता धनंजय सिंह ने कहा कि बिहार के जन जन के नेता पूर्व कृषि मंत्री श्री नरेंद्र सिंह हैं.जो उग्रवाद प्रभावित इलाके के रहने वाले हैं.जन प्रिय नेता होने के कारण उग्रवादियों एवं राजनीतिक प्रतिद्वंदियों के निशाने पर हैं. यह कयास लगाया जा रहा है कि उनके जान-माल और परिवार पर कभी भी घातक हमला हो सकता है.इसके आलोक में राज्य सरकार ने जेड प्लस श्रेणी की सुरक्षा दी थी. बाद में उसमें कटौती कर वाई श्रेणी की सुरक्षा प्रदान किया गया.इस समय यह दुर्भाग्य है अभी चुनाव चल रहा है और राजनैतिक सरगर्मियां तेज हैं और स्वयं श्री सिंह भी बीमार हैं.पटना एम्स में 15 दिनों से इलाजरत हैं.ऐसी विकट परिस्थिति में राज्य सरकार ने द्वेष और प्रतिशोध की भावना से वंशीभूत होकर उनके वहां से सुरक्षाकर्मी को दिनांक 04 नवम्बर 2020 को वापस कर लिया. जो बहुत ही चिंतनीय और अलोकतांत्रिक है.


बता दें कि नरेंद्र सिंह राज्य में कई महत्वपूर्ण विभागों के मंत्री रहे हैं. आज भी किसानों, मजदूरों, बेरोजगारों, छात्रों, महिलाओं के समस्याओं के लिए बराबर संघर्षशील हैं.उन पर उग्रवादियों एवं राजनीतिक विरोधियों का खतरा गंभीर चुनौती के रूप में है. उनको पूर्ण सुरक्षा देने के बजाय दिए गए सुरक्षा की वापसी इस बात को जाहिर करता है कि सरकार श्री नरेंद्र सिंह के जानलेवा विरोधियों के पक्ष में खड़ी है.

उसके बाद श्री नरेंद्र सिंह जनता पार्टी, जनता दल, लोक जनशक्ति पार्टी तथा पुनः जनता दल के वरिष्ठ नेता के रूप में जाने जाते रहे हैं. विगत के कुछ वर्षों में श्री नीतीश कुमार के गलत कार्यकलापों और जनविरोधी नीतियों के विरुद्ध श्री नरेंद्र सिंह बराबर आवाज उठाते रहे हैं.अभी विधानसभा 2020 के चुनाव में वे श्री नीतीश कुमार का विरोध कर रहे हैं.अब उनके दो पुत्र अजय प्रताप जमुई विधानसभा से तथा सुमित कुमार चकाई विधानसभा से नीतीश कुमार के दल के विरुद्ध चुनाव लड़े तो सरकार ने इन्हीं कारणों से प्रतिशोध एवं ईर्ष्या की भावना से नीतीश कुमार की सरकार श्री नरेंद्र सिंह को जानमाल की क्षति पहुंचाने की दृष्टि से तथा उत्पीड़ित करने की दृष्टि से उनकी सुरक्षा के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं श्री नरेंद्र सिंह के घर से सुरक्षा गार्ड को वापस करना यह साबित करता है कि नीतीश कुमार श्री नरेंद्र सिंह के जानमाल एवं उनके परिवार को क्षति पहुंचाना चाहते हैं.पूर्व मंत्री नरेंद्र सिंह के जानमाल की सुरक्षा की गारंटी सुनिश्चित करें अन्यथा 10 नवंबर के बाद चुनाव कार्यक्रम खत्म होते ही पूरे राज्य में एक बड़े जन आंदोलन की शुरुआत कर दी जाएगी.

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