पटना.महागठबंधन की टीम चुनाव आयोग के दफ्तर पहुंची. महागठबंधन की टीम चुनाव में गड़बड़ी की शिकायत को लेकर चुनाव आयोग पहुंची. इस टीम में राजद सांसद मनोज झा, पूर्व मंत्री श्याम रजक, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डॉ. मदन मोहन झा, कांग्रेस सांसद अखिलेश आदि थे.
डिप्टी इलेक्शन कमिश्नर ने राजद के आरोप का जवाब देते हुए कहा, “लगभग एक घंटे पहले, सोशल मीडिया पर एक पार्टी द्वारा एक पोस्ट किया गया था जिसमें दावा किया गया था कि उनकी पार्टी ने 119 सीटें जीती हैं. यह स्पष्ट रूप से कहा गया है कि सभी परिणाम हमारे पोर्टल पर हैं, अब तक घोषित कुल परिणाम 146 सीटों के हैं, यह तथ्यात्मक स्थिति है.”
पटना में चुनाव आयोग के ऑफिस से निकलने के बाद राजद नेता मनोज झा ने कहा, “दर्जन भर से ज्यादा सीटें हैं जहां छेड़छाड़ की गई है. वे लोगों के जनादेश को बदलने की कोशिश कर रहे हैं, यहां तक कि ऐसे तमाम गैर-इरादतन प्रयासों के बाद हम सरकार बनाएंगे.”
राजद के आरोप पर चुनाव आयोग का जवाब
मतगणना प्रभावित किए जाने के राजद के आरोपों का जवाब देते हुए चुनाव आयोग के सेक्रेटरी जनरल उमेश सिन्हा ने कहा, “चुनाव आयोग ने कभी किसी के दवाब में काम नहीं किया. सभी अधिकारी ईमानदारी से बिहार चुनाव की मतगणना कर रहे हैं.”
पूर्व मंत्री श्याम रजक ने कहा कि हिलसा विधानसभा क्षेत्र से राजद प्रत्याशी शक्ति सिंह को निर्वाचन अधिकारी ने 547 वोट से विजयी घोषित कर दिया था.सर्टिफ़िकेट लेने के लिए इंतज़ार करने को कहा गया. सीएम आवास से को फ़ोन आता है.फिर अचानक अधिकारी कहते है पोस्टल बैलेट रद्द होने के कारण आप 13 वोट से हार गए.चुनाव आयोग की 119 वाली सूची के क्रमांक 69 और विस 175 अंकित है.उन्होंने कहा कि साज़िशन 4-5 घंटो तक एनडीए को 122 और महागठबंधन को 96-100 के बीच रखा जाता रहा.इतना रोकने के बावजूद भी जब महागठबंधन बढ़त बनाने लगा तो मुख्यमंत्री आवास से हेर-फेर करने के लिए सीधे ज़िलाधिकारियों को फ़ोन जाने लगे. सनद रहे चुनाव करवाने वाले सभी राज्य सेवा के ही अधिकारी है.
इस बीच भाकपा माले के प्रतिनिधि मंडल ने सीईओ बिहार से मिल कर भोरे सीट पर पुनः मतगणना करवाने की मांग की है। प्रतिनिधि मंडल में पार्टी की पोलित ब्यूरो सदस्य कविता कृष्णन, संदीप सौरभ और एन. साई बालाजी शामिल थे. भोरे सीट पर 'विजयी' घोषित जेडीयू उम्मीदवार की जीत का अंतर गिने गए पोस्टल बैलट के आधार पर किया गया है. जबकि कैंडीडेट हैंडबुक के नियम 16.23.18 के अनुसार ऐसी परिस्थिति में मतों की पुनर्गणना स्वतः ही होनी चाहिए. दूसरे, मतगणना हॉल में अनधिकृत रूप में उपस्थित जेडीयू सांसद क्या कर रहे थे?
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