गांधी मैदान में ‘लोकतंत्र बचाओ - देश बचाओ’ रैली

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गांधी मैदान में ‘लोकतंत्र बचाओ - देश बचाओ’ रैली

आलोक कुमार

पटना.भाकपा (माले) के इतिहास के सबसे बड़े महाधिवेशन व रैली की तैयारी पूरी कर ली गई.राजधानी पटना को लाल झंडे से पाट दिया गया है.15 फरवरी को पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में ‘लोकतंत्र बचाओ - देश बचाओ’ रैली में दूरदराज से आने वाले एकदूजे को लाल सलाम कहकर अभिवादन कर रहे हैं.

इसको लेकर भाकपा (माले) केेन्द्रीय कमिटी की बैठक पटना स्थित पार्टी के राज्य मुख्यालय - कामरेड रामनरेश राम-शहीद चंद्रशेखर स्मृति भवन, कदमकुआं - में की गई.कहा गया कि15-20 फरवरी 2023 के बीच स्थानीय श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल में होनेवाले भाकपा(माले) के 11वें महाधिवेशन के पूर्व  यह बैठक अत्यंत ही महत्वपूर्ण थी.

  भाकपा (माले) केंद्रीय कमेटी की इस बैठक में शामिल होने के लिए भाकपा (माले) महासचिव बीती रात ही पटना पहुंच चुके थे. उनके अलावा झारखण्ड से भाकपा (माले) विधायक विनोद कुमार सिंह व राज्य सचिव मनोज भक्त, उत्तरप्रदेश से रामजी राय व श्रीराम चौधरी, पश्चिम बंगाल से अभिजीत मजूमदार, असम से रूबल शर्मा, राजस्थान से प्रो. सुधा चौधरी व फूलचंद ढेबा, तमिलनाडु से वी शंकर, दिल्ली से राजीव डिमरी व रवि राय, ओडिसा से तिरुपति गोमांगो, पंजाब से सुखदर्शन नत्त व राजविंदर सिंह राणा तथा आंध्र प्रदेश व तेलंगाना से एन मूर्ति, बांगर राव और महिला नेत्री नागमणि इस बैहक में शामिल हैं.

     भाकपा (माले) पोलित ब्यूरो के वरिष्ठ सदस्य स्वदेश भट्टाचार्य, बिहार राज्य सचिव कुणाल, धीरेन्द्र झा, अमर, मीना तिवारी आदि की अध्यक्षता में चली बैठक में महाधिवेशन की समग्र कार्रवाई और उसके अलग-अलग सत्रों के सुचारू संचालन पर गहन विचार-विमर्श किया गया.विदित हो कि भाकपा (माले) महाधिवेशन की शुरुआत 15 फरवरी को पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में ‘लोकतंत्र बचाओ - देश बचाओ’ रैली से होगी. भाकपा (माले) केंद्रीय कमेटी की बैठक में रैली की तैयारियों का जायजा लिया गया, उसमें हो रही व्यापक जनभागीदारी को देखते हुए उसकी व्यवस्था के विषय में जरूरी निर्देश दिए गए. भाकपा(माले) महासचिव का. दीपंकर भट्टाचार्य रैली के मुख्य वक्ता होंगे. उनके अलावा अन्य वक्ताओं के नाम तय किये गए. साथ ही, देश के अन्य दूसरे हिस्सों से आये कुछ नेता भी रैली को सम्बोधित करेंगे.15-20 फरवरी को श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल में आयोजित महाधिवेशन में पहली बार देश भर के 27 राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों से करीब 1700 प्रतिनिधि और 200 अतिथि व पर्यवेक्षक शामिल हो रहे है. इनमें महिलाओं की तादाद भी बहुत बड़ी (करीब 18 प्रतिशत) है. इनमें दक्षिण भारत के तमिलनाडु, केरल, आंध्रप्रदेश, तेलांगना और केंद्र शासित पांडिचेरी व कश्मीर, महाराष्ट्र, गुजरात, पंजाब, राजस्थान, उतराखंड, हरियाणा, मध्यप्रदेश, छतीसगढ़, दिल्ली एनसीआर, यूपी, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, असम, त्रिपुरा, उड़ीसा आदि प्रदेशों से प्रतिनिधि भाग लेंगे. इस लिहाज से यह भाकपा(माले) के महाधिवेशनों के इतिहास में अब तक का सबसे बड़ा महाधिवेशन है.

 भाकपा-माले महाधिवेशन में भारत में फासीवादी हमले के खिलाफ प्रतिरोध की दिशा व कार्यभार पर विशेष चर्चा होगी. साथ ही, जलवायु परिवर्तन और उससे उत्पन्न खतरे पर भी एक विशेष दस्तावेज पर विचार किया जाएगा. महाधिवेशन में राष्ट्रीय परिस्थिति, अंतर्राष्ट्रीय परिस्थिति, पार्टी कार्यक्रम, पार्टी संगठन और संविधान अलग-अलग दस्तावेजों पर चर्चा के सत्र आयोजित होंगे.



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