कुर्ग के सेनाध्यक्षों के संग्रहालय में अखिलेश यादव

गोवा की आजादी में लोहिया का योगदान पत्रकारों पर हमले के खिलाफ पटना में नागरिक प्रतिवाद सीएम के पीछे सीबीआई ठाकुर का कुआं'पर बवाल रूकने का नाम नहीं ले रहा भाजपा ने बिधूड़ी का कद और बढ़ाया आखिर मोदी है, तो मुमकिन है बिधूड़ी की सदस्य्ता रद्द करने की मांग रमेश बिधूडी तो मोहरा है आरएसएस ने महिला आरक्षण विधेयक का दबाव डाला और रविशंकर , हर्षवर्धन हंस रहे थे संजय गांधी अस्पताल के चार सौ कर्मचारी बेरोजगार महिला आरक्षण को तत्काल लागू करने से कौन रोक रहा है? स्मृति ईरानी और सोनिया गांधी आमने-सामने देवभूमि में समाजवादी शंखनाद भाजपाई तो उत्पात की तैयारी में हैं . दीपंकर भट्टाचार्य घोषी का उद्घोष , न रहे कोई मदहोश! भाजपा हटाओ-देश बचाओ अभियान की गई समीक्षा आचार्य विनोबा भावे को याद किया स्कीम वर्करों का पहला राष्ट्रीय सम्मेलन संपन्न क्या सोच रहे हैं मोदी ?

कुर्ग के सेनाध्यक्षों के संग्रहालय में अखिलेश यादव

राजेंद्र चौधरी समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को कर्नाटक से विशेष लगाव है. वहां जाना उन्हें हमेशा अच्छा लगता है. उनकी अपनी जिंदगी के कई महत्वपूर्ण प्रसंग यहां से जुड़े हैं. विपक्षी एकता के लिए बेंगलुरु में हुई 17-18 जुलाई 2023 की बैठक में ऐतिहासिक गठबंधन हुआ जिसका नाम ‘इंडियन नेशनल डेवेलपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस‘‘ (इंडिया) रखा गया हैं. विपक्षी दलों ने फैसला लिया कि वे ‘इंडिया‘ गठबंधन अभियान से 2024 के लोकसभा चुनाव में केन्द्र की भाजपा सरकार को हटाना और महंगाई, भ्रष्टाचार, अन्याय को मिटाना है. अखिलेश यादव 18-19 जुलाई 2023 को मैसूर की यात्रा पर रह. उनके कर्नाटक से जुड़ाव का एक कारण यह भी है कि वे स्वयं वहां छात्र जीवन में रहे हैं. यहां के प्रसिद्ध श्री सुत्तूर मठ ने शिक्षा, संस्कृति, स्वास्थ्य एवं अध्यात्म के क्षेत्र में कई संस्थान स्थापित किए हैं. इतिहास गवाह है कि सुत्तूर श्रीक्षेत्र के वीर सिंहासन महासंस्थान की स्थापना ईसा दसवीं सदी के चोल वंश के शासनकाल में हुई थी. जगदगुरू श्री शिवरात्रीश्वर शिवयोगी महास्वामी इस महासंस्थान के संस्थापक माने जाते है. यह मठ एक आंदोलन है जो सामाजिक तथा आर्थिक न्याय को बढ़ावा देने वाला है. कर्नाटक के भीतर बाहर ही नहीं कई अन्य देशों में भी इसके क्रियाकलाप संचालित होते हैं. वर्तमान में मठ के 24वें पीठाधीश्वर परमपूज्य जगतगुरू श्रीश्री शिवरात्रि देशिकेन्द्र महास्वामी जी हैं. यहां की जेएसएस साइंस एवं टेक्नालाजी यूनीवर्सिटी से श्री अखिलेश यादव ने पर्यावरण इंजीनियरिंग की पढ़ाई की. मठ द्वारा संचालित विभिन्न संस्थानों में एक लाख से ज्यादा छात्र और 15 हजार से ज्यादा स्टाफ है. कर्नाटक में केला और मक्का की खूब खेती होती है. परन्तु केला छोटा होता है. यहां मैसूर पैलेस, चामुंडी हिल्स भी प्रसिद्ध है. 17 जुलाई 2023 को बेंगलुरू में विपक्षी दलों की बैठक समाप्त कर राजेन्द्र चौधरी के साथ मैसूर की यात्रा पर निकल पड़े. बेंगलुरू से मैसूर के रास्ते में रामनगर गांव पड़ता है जिसे फिल्म ‘शोले‘ में रामगढ़ दर्शाया गया है. यहां शोले फिल्म की शूटिंग भी हुई थी. रास्ते में पामवृ़क्ष की कतारे हैं. पहाड़ी टीेले हैं. यहां मौसम बदलता रहता है. कई बार बारिश होती रही. यहां की मिट्टी लाल हैं. रास्ते में वाटर वाड़ी (तालाब) भी है. मंडीया मेें होटल अमरावती में काफी पीने के लिए हम रूके. यहां तमाम कन्नड़ भाषी नागरिक अखिलेश जी के स्वागत में खड़े दिखाई पड़े. यहां गन्ना किसान बहुत सम्पन्न है. मैसूर के 40किमी. पहले और बेंगलुरु से 90 किमी. के बीच गांवों में खपरैल के मकान दिखाई पड़ते हैं. मैसूर पहुंचते-पहुंचते कर्नाटक प्रदेश समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष श्री मंजप्पा ने अपने साथियों के साथ जोरदार स्वागत किया और गणपति का चित्र भेंट किया. गाड़ी से बेंगलुरू, मैसूर, कुर्ग तक की हाई-वे यात्रा में आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे की याद बरबस आ गई. आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे की तुलना किसी हाई-वे से नहीं की जा सकती है. इतना शानदार हाई-वे कहीं और नहीं बना है. मैसूर यात्रा में कुर्ग जाने की श्री अखिलेश जी की बहुत इच्छा थी. कुर्ग में देश के महान सेनापति रहे जनरल करियप्पा और जनरल थिमैया का निवास स्थान है. अखिलेश जी खुद मिलिट्री स्कूल के पास आउट हैं. नेताजी मुलायम सिंह यादव देश के रक्षा मंत्री थे. इस परिवारिक पृष्ठभूमि के कारण बेंगलुरु से लगभग 400 किमी. दूर मैसूर होते हुए कुर्ग गए. अखिलेश जी वहां की धरती के प्रति श्रद्धाभाव रखते हैं. जनरल करियप्पा स्वतंत्र भारत के प्रथम कमाण्डर इन चीफ थे. कर्नल रावत श्रीमती डिम्पल यादव के पिता जी है. जनरल थिमैया देश के चौथे जनरल थे. वे मडिकेरी-कुर्ग में रहते थे. सूबेदार मेजर थिमैया ने हमें सेनाध्यक्षों का संग्रहालय दिखाया. यहां मेडिकेरी कुर्ग में इनकी स्मृति में वार मेमोरियल बना है जिसका फरवरी 2021 में तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने उद्घाटन किया था. जनरल थिमैया ने 1962 में चीन युद्ध के साथ संघर्ष में नेतृत्व किया था. उन्हें भारतीय सेना में कमाण्डर नियुक्त किया गया था. 18 दिसम्बर 1965 में साइप्रस में उनकी मृत्यु हुई. कुर्ग में जब तब बारिश होती रहती है. यहां अखिलेश जी के प्रवास के दौरान रात भर बारिश होती रही. प्रातः घाटी में दूर-दूर तक धुंध दिखती थी. यहां हजारों एकड़ में काफी बागान है. कुर्ग में कड़ाके की ठंड पड़ती है. मेरे पास कोई गर्म कपड़ा नहीं था. अखिलेश जी के पास एक गर्म शाल था जो वह कर्नाटक के मुख्यमंत्री श्री सिद्धरमैय्या को भेंट करना चाहते थे पर किसी कारण वश वह भेंट नहीं कर सके. ऐसे में अखिलेश जी ने वह गर्म शाल मुझें मुहैया कराया तब शरीर में कुछ गर्मी आई. अखिलेश जी ने बताया कि मैसूर में जब वह पढ़ते थे तब बेंगलुरू से मैसूर रोडवेज परिवहन की बस पकड़कर आते थे. मैसूर में उनका एक पसंदीदा रेस्टोरेंट है जहां वह अक्सर डोसा खाने आते थे. मैसूर पैलेस अपने शानदार वास्तु के लिए जाना जाता है. यह ऐतिहासिक महल वाडियार राजवंश का निवास था. यह महल मैसूर के केन्द्र में हैं और पूर्व की ओर चामुंडी पहाड़ियां है. यह महल 1897 और 1912 के बीच निर्मित हुआ. यहां प्रतिवर्ष 6 मिलियन से अधिक पर्यटक आते है. बेंगलुरु से मैसूर कुर्ग तक पांच घंटे के रास्ते में श्री अखिलेश जी डॉ0 राममनोहर लोहिया की सप्तक्रान्ति एवं समाजवाद, जयप्रकाश नारायण की सम्पूर्ण क्रांति, बाबा साहब डॉ0 भीमराव अम्बेडकर की सामाजिक न्याय की अवधारणा तथा चौधरी चरण सिंह जी की आर्थिक नीतियों पर राजेन्द्र चौधरी से विस्तृत चर्चा होती रही. (लेखकः समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय सचिव और पूर्व कैबिनेट मंत्री हैं)

  • |

Comments

Subscribe

Receive updates and latest news direct from our team. Simply enter your email below :