तेजस्वी यादव कैसे धोखा खा गए

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तेजस्वी यादव कैसे धोखा खा गए

आलोक कुमार

पटना.सबसे तेज बनने के चक्कर में तेजस्वी यादव  घनचक्कर में पड़ गये.आज बिहार के प्रथम मुख्यमंत्री बिहार केसरी डॉ० श्रीकृष्ण सिंह की 60 वीं पुण्यतिथि है.बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने बिहार केसरी को श्रद्धांजलि देते हुए बड़ी गलती कर दी. ट्विटर हैंडल पर तेजस्वी यादव ने बिहार के प्रथम मुख्यमंत्री डॉ. श्रीकृष्ण सिंह जी की पुण्यतिथि पर शत-शत नमन लिखकर ट्वीट किया.मगर श्रीबाबू की (श्रीकृष्ण सिंह) की तस्वीर की जगह बिहार के पहले उप मुख्यमंत्री सह वित्त मंत्री अनुग्रह नारायण सिंह की तस्वीर पोस्ट कर दी.

इस पर पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने कहा कि हई देखिए...अब जेकरा ई नहीं पता है कि श्री कृष्ण बाबू कउन हैं उहो खुद को बिहार का नेता बुझने लगें हैं.तेजस्वी बाबू अगर आपको बिहार विभूतियों का जानकारी नहीं है तो हम आपको सबका फोटो भेज देतें हैं.आगे से फोटो देखकर ही कुछ चीं-चीं किजिएगा.भद्द पिटवा लिहिस लड़का...


इसी तरह इस पर जदयू नेता विधान पार्षद और बिहार सरकार के पूर्व मंत्री नीरज कुमार ने तेजस्वी यादव के ट्वीट का हवाला देकर कटाक्ष किया है.उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा, पुण्यतिथि डॉ श्री कृष्ण सिंह की और फोटो श्रद्धेय स्वर्गीय अनुग्रह बाबू की. ज्ञान से घृणा अथवा सामाजिक घृणा का प्रकटीकरण है.  उन्होंने इस पर बयान जारी कर कहा कि विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने अज्ञानता का भीषण तांडव मचाया है और महापुरुषों के चित्र के साथ भी फर्जीवाड़ा किया है. स्वभाविक है भाड़े के ज्ञान की यही दुर्दशा होती है.

स्वभाविक है भाड़े के ज्ञान की यही दुर्दशा होती है. आगे कहा कि भाड़े का ज्ञान ने किया विस्फोट, लेकिन गुनाहगार आप ही माने जायेंगे? राजनैतिक पर्यटक कैसे जानेंगे, बिहार के महापुरुषों को.आप तो भ्रष्टाचारी, जेल में बंद अपराधी को ही जानते हैं.


बता दें कि बिहार के पहले सीएम श्रीकृष्ण बिहार के कार्यकाल में जहां जमींदारी प्रथा समाप्त हुई, वहीं उनके कार्यकाल में बिहार में एशिया का सबसे बड़ा इंजीनियरिंग उद्योग, हैवी इंजीनीयरिंग कॉरपोरेशन, भारत का सबसे बड़ा बोकारो इस्पात प्लांट, देश का पहला खाद कारखाना सिंदरी में, बरौनी रिफाइनरी, बरौनी थर्मल पॉवर प्लांट, पतरातू थर्मल पॉवर प्लांट, मैथन हाइडेल पावर स्टेशन एवं कई अन्य नदी घाटी परियोजनाएं स्थापित की गईं.

वह एक नेता थे जिनकी दृष्टि कृषि और उद्योग दोनों के संदर्भ में बिहार को पूरी तरह से विकसित राज्य के रूप में देखना था. कृष्ण सिंह का जन्म 21 अक्टूबर, 1887 को मुंगेर ज़िला में हुआ था जबकि निधन 31 जनवरी, 1961 में हो गया था. वे 1946 से 1961 तक अखंड बिहार के मुख्यमंत्री रहे थे.मृत्युंजय पांडेय ने कहा कि तेजस्वी जी, श्री बाबू की जगह अनुग्रह बाबू का फोटो लगा के काहे छीछालेदर करवा रहे और महापुरुष का भी अपमान कर रहे है!

प्रेम कुमार कहते हैं कि नकल करने लिए भी अक्ल चाहिए.लेकिन आप तो समझेंगे नहीं क्योंकि  आप तो अनुकंपा पर आये हुए 9वीं फेल राजनीतिज्ञ जो ठहरे.पुण्यतिथि श्रद्धेय डॉ० श्रीकृष्ण सिंह जी का और फोटो श्रद्धेय अनुग्रह बाबू जी का.भाई अभी भी समय है मनोहर पोथी रट लें.

बताते चले कि अनुग्रह नारायण सिंह  1946 से 1957 तक बिहार के प्रथम उप मुख्यमंत्री सह वित्तमंत्री रहे थे. भारत के स्वतंत्रता सेनानी, शिक्षक, वकील, राजनीतिज्ञ तथा आधुनिक बिहार के निर्माता रहे थे. उन्हें 'बिहार विभूति' के रूप में जाना जाता था. अनुग्रह बाबू ने महात्मा गांधी एवं डॉ. राजेन्द्र प्रसाद के साथ राष्ट्रीय आन्दोलन में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. उनकी पुण्यतिथि 5 जुलाई 1957 है.

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