लखनऊ .समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि उत्तर प्रदेश में भाजपा राज में भ्रष्टाचार चरम पर फल-फूल रहा है. मुख्यमंत्री जी के ‘जीरो टालरेंस‘ बयानों का कहीं तनिक भी असर नहीं दिखता है. कई विधायक मुखर रूप से भ्रष्टाचार के खिलाफ अपनी आवाज उठा चुके हैं लेकिन उनकी सुनवाई नहीं हो रही है. भ्रष्टाचारियों को भी अब किसी का भय नहीं रह गया है. जो मामले उजागर होते हैं उनमें भी निचले स्तर पर कार्यवाही कर लीपापोती कर दी जाती और ऊपर वाले साफ बच निकलते हैं.
भाजपा सरकार ने वृक्षारोपण अभियान का खूब प्रचार किया था. अब यह खुलासा हुआ है कि पौधारोपण के लिए गड्ढे खोदने और दूसरे कार्यों के लिए जिन जेसीबी मशीनों का इस्तेमाल दिखाया गया था उनके नम्बर स्कूटर और बाइक के थे. सरकारी रकम के घोटाले के ऐसे और भी उदाहरण सामने आ रहे हैं.
प्रदेश के औद्योगिक विकास की भी झूठी कहानियां सुनाने में भाजपा का जवाब नहीं. न कहीं निवेश हो रहा है और नहीं कहीं विकास. जनता की गाढ़ी कमाई पानी की तरह अपव्यय कर इन्वेस्टमेंट मीट की जगह इवेंट मैनेजमेंट करने वाली भाजपा सरकार की पोल खुल गई है. खुद प्रधानमंत्री जी के निर्वाचन क्षेत्र वाराणसी तक में एमओयू करने वाली आधी से ज्यादा कम्पनियों के प्रोजेक्ट रूके हुए हैं. एमओयू हुए तीन साल बीत गए किसी निवेशक को प्रोजेक्ट पर सहमति नहीं मिली तो किसी को जमीन के लिए चक्कर लगाने पड़ रहे हैं. निवेशक यहां के हालात देखकर पलायन कर रहे हैं.
विज्ञापनों के एक्सप्रेस-वे पर झूठ की रफ्तार भरने वाली भाजपा सरकार सिर्फ जनता की आंखों में धूल झोंकना जानती है. चार साल में एक भी एक्सप्रेस-वे नहीं बना सकी. समाजवादी पार्टी की सरकार द्वारा निर्मित एक्सप्रेस-वे के उद्घाटन का उद्घाटन और शिलान्यास का शिलान्यास ही एकमात्र मुख्यमंत्री जी का काम है.
भाजपा सरकार ने पीएम स्वनिधि योजना का भी खूब प्रचार किया. लेकिन अब खब़रें आ रही हैं कि अधिकारी इस योजना में रूचि नहीं ले रहे हैं. उनकी लापरवाही से सरकार की महत्वाकांक्षी योजना व्यर्थ साबित हो रही है. अधिकारी अब न्यायिक आदेशों की भी परवाह नहीं करते हैं.
उत्तर प्रदेश में सबसे बड़ा घोटाला तो लोक निर्माण विभाग के कामों में हो रहा है. दावे तो बहुत हुए किन्तु सड़कें गड्ढा मुक्त नहीं हुई. बल्कि सीवर लाइन के नाम पर बनी-बनाई सड़के खोद कर मिट्टी से पाट दी गई हैं. इससे इन पर चलना मुश्किल है. विभाग के निर्माणकार्यो में घटिया माल लगाने की शिकायते भी आम हैं. महाराजगंज (रायबरेली) में हो रहे पुल निर्माण में घटिया सामग्री लगने से वह भरभरा कर गिर गया.
सच तो यह है कि भाजपा सरकार ही भ्रष्टाचार की जननी है. भाजपा सरकार के भ्रष्ट कामों की वजह से ही जनता परेशान है और अब वह ज्यादा बर्दाश्त करने की तैयार नहीं है. उसके सब्र का बांध टूट चला है.
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