रांची से पटना तक जश्न का माहौल

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रांची से पटना तक जश्न का माहौल

आलोक कुमार 
पटना.बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री व आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव को चारा घोटाला मामले में शनिवार को जमानत मिल गई.27 दिसम्बर 2017 से झारखंड जेल में कैद थे.जमानत मिलने के बाद लालू के परिवार वालों और समर्थकों में उत्साह देखने को मिल रहा है. पिता को जमानत मिलने पर बेटी रोहिणी आचार्य ने ट्वीट किया. ट्वीट में उन्होंने लिखा- मेरा रमज़ान और नवरात्र सफ़ल हुआ.आज मुझे ऊपर वाले के तरफ से ईदी मिल गयी. लालू के समर्थकों ने लिखा- अब शेर हमारे बीच होंगे.  

बता दें कि पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव की बेटी रोहिणी आचार्य ने पिता की रिहाई एंव अच्छी सेहत के लिए रोजे रखने की शुरुआत कर दी थीं. इस बीच झारखंड के मधुपुर में हो रहे विधानसभा उपचुनाव को लेकर राजद नेता तेजस्वी यादव मंगलवार को देवघर पहुंचे थे. वहां तेजस्वी ने भगवान शिव के दर्शन किए और पूजा-अर्चना की. वहीं, चैती नवरात्र पर लालू यादव के बड़े बेटे तेजप्रताप यादव भी अपने आवास पर मां अम्बे की पूजा पूरी निष्ठा के साथ करते नजर आए. 

बता दें कि लालू की जमानत को लेकर मामला नौ अप्रैल को भी सुनवाई के लिए सूचीबद्ध था, लेकिन सीबीआई ने जवाब दाखिल करने के लिए अदालत से समय मांगा था. लेकिन शनिवार को हुई सुनवाई में लालू यादव को जमानत दी गई है. 

दुमका कोषागार से अवैध निकासी के मामले में लालू प्रसाद ने जमानत के लिए आधी सजा पूरी करने का दावा करते हुए याचिका दायर की थी. इस मामले में सीबीआई की अदालत ने लालू प्रसाद को सात-सात साल की सजा दो अलग अलग धाराओं में सुनाई थी.पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद ने दावा किया था कि वह आधी सजा पूरी कर चुके हैं.वहीं सीबीआई का दावा था कि लालू प्रसाद की आधी सजा अभी पूरी नहीं हुई है. 

झारखंड हाई कोर्ट में लालू प्रसाद यादव की जमानत याचिका पर सुनवाई पूरी हो गयी. यह मामला जस्टिस अपरेश कुमार सिंह की अदालत में सुना गया.चारा घोटाला मामले में सजायाफ्ता लालू प्रसाद यादव की जमानत पर सुनवाई के क्रम में लालू की ओर से सुप्रीम कोर्ट के वरिष्‍ठ वकील कपिल सिब्‍बलने दलीलें पेश कीं.जबकि केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआइ ने लालू की जमानत अर्जी का विरोध किया. इस मामले में शुक्रवार को सुनवाई होनी थी लेकिन हाईकोर्ट के परिसर को सैनिटाइज करने की वजह से जमानत पर सुनवाई टल गई थी. लालू प्रसाद यादव ने दुमका वाले मामले आधी सजा पूरी करने का हवाला देते हुए जमानत की गुहार लगाई थी. 

आज रांची हाईकोर्ट ने आदेश दिया कि जमानत के लिए लालू को एक लाख रुपये का मुचालका देना होगा और जुर्माने में दस लाख रुपये जमा करने होंगे. वहीं इसके अलावा उन्हें अपना पासपोर्ट भी कोर्ट में जमा कराना होगा ताकि वो बिना कोर्ट की अनुमति के विदेश नहीं जा सकें. लालू को अपना पता और मोबाइल नंबर नहीं बदलना होगा. 

सशर्त जमानत मिलने के बाद लालू अब जेल से बाहर आ जाएंगे.हालांकि, इसके लिए अभी कम से कम तीन दिनों तक इंतजार करना होगा.लालू का बेल ऑर्डर आज रांची की निचली अदालत को भेजा जा रहा है. जहां से यह ऑर्डर बिरसा मुंडा जेल, रांची को उपलब्‍ध कराया जाएगा.इसके बाद यह बेल ऑर्डर दिल्‍ली की तिहाड़ जेल को भेजा जाएगा. 


चारा घोटाले के संबंध में पश्चिमी सिंहभूम जिले (चाईबासा) के तत्कालीन उपायुक्त अमित खरे ने 27 जनवरी 1996 को सबसे पहले बताया था.बिहार पुलिस ने इस पर केस दर्ज किया और जांच आगे बढ़ाई तो इसके तार सीधे-सीधे लालू प्रसाद यादव से जुड़े निकले. 

फिर इस मामले की गंभीरता को देखते हुए इसे सीबीआई को सौंप दिया गया.इसके बाद जांच आगे बढ़ती गई और परत-दर-परत सच्चाई बाहर आती चली गई.लिहाजा घोटाले में मुख्य आरोपी बनाए गए लालू यादव को सात बार जेल जाना पड़ा. 

सबसे पहले 20 सितंबर 2013 को रांची की विशेष सीबीआई अदालत ने लालू यादव को सजा सुनाई. अदालत ने लालू को चारा घोटाले के नियमित मामले में RC 20A/96 में दोषी पाया गया और पांच वर्ष की सजा सुनाई जबकि 25 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया गया. 

इसके बाद 6 जनवरी 2013 को देवघर कोषागार से जुड़े RC 64A/96 में दोषी पाया गया और साढ़े तीन वर्ष की सजा सुनाई गई, जबकि 5 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया गया. 

चाईबासा कोषागार से अवैध निकासी के संबंध में RC 68A/96 में दोषी पाया गया और पांच वर्ष की सजा सुनाई गई, जबकि 10 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया गया. 


कब-कब गए जेल? 

पहली बार: 30 जुलाई 1997 को पहली बार लालू यादव को सलाखों के पीछे जाना पड़ा, हालांकि 135 दिन जेल में रहने के बाद वे बाहर आ गए. 

दूसरी बार: 73 दिनों के लिए लालू को 28 अक्टूबर 1998 को जेल जाना पड़ा था. 

तीसरी बार: 11 दिनों के लिए पांच अप्रैल 2000 को जेल जाना पड़ा. 

चौथी बार: आय से अधिक संपत्ति के मामले में एक दिन के लिए 28 नवंबर 2000 को जेल जाना पड़ा। 

पांचवीं बार: 26 नवंबर को 23 दिनों के लिए सलाखों के पीछे जाना पड़ा. 

छठी बार: 70 दिनों के लिए 3 अक्टूबर 2014 को जेल जाना पड़ा. 

सातवीं बार: 23 दिसंबर 2017 को वे जेल गए और अभी तक सलाखों के पीछे ही बंद हैं.हालांकि खराब स्वास्थ्य के कारण कई बार जांच कराने के लिए जेल से बाहर आए लेकिन वापस भेज दिए गए.खराब स्वास्थ्य का हवाला देकर जमानत के लिए सुप्रीम कोर्ट याचिका दायर की है, जिसकी सुनवाई आज यानी शनिवार 17 अप्रैल 2021 को हुई. 

लालू पुत्र तेज प्रताप यादव ने ट्वीट कर कहा कि गरीबों, वंचितों, पिछड़ों का रहनुमा आ रहा है बता दो अन्याय करने वालों को की हमारा नेता आ रहा है. 


 

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