चंचल
कल प्रियंका गांधी लखनऊ में थी . उमस भरी दुपहरिया , बाहर का बढ़ता तापमान, लखनऊ को सड़क पर उतने से नही रोक पाया . सड़कें जाम हो गयी . फूलों की वर्षा कर, जगह जगह प्रियंका गांधी का स्वागत हुआ . उत्तर प्रदेश की बिगड़ चुकी कानून व्यवस्था और विधायिका के एकाधिकारवादी सनक के खिलाफ प्रियंका गांधी ने अपना विरोध दर्ज करा कर उत्तर प्रदेश को संदेश दिया - 'सरकारी अराजकता का विरोध करो , अहिंसक तरीके से ' . प्रतीक के रूप में, हजरत गंज चौराहे पर खड़ी बापू प्रतिमा के नीचे जाकर बैठ गयी .
बकवादी मीडिया ने 'मौन ' को चुप्पी से जोड़ कर सरकार को आस्वस्त करना चाहा कि घबड़ाने की कोई बात नही - ' प्रियंका गांधी ने गांधी जी के पास चुप चाप बैठी हैं . ' / गांधी जी चुप कहाँ रहै है भाई ! दक्षिण अफ्रीका में जब रेल से डिब्बे से गांधी जी को नीचे फेंका गया था , गांधी की वह सबसे बड़ी चुप्पी थी, लेकिन उस चुप्पी की तासीर इतनी चोख रही कि अंग्रेजी साम्राज्य ही बिखर कर रह गया . कितना जानते हो प्रियंका को ? प्रियंका की परवरिश ही सियासत में हुयी है .
प्रियंका को उसकी दादी बता गयी हैं , जब चक्र में घूमना हो तो ' हाथ ' पकड़ मजबूत करो .
(तस्वीर में दोनो हँस रही है लेकिन माजी की आंखों में नमी है )फोटो साभार
Copyright @ 2019 All Right Reserved | Powred by eMag Technologies Pvt. Ltd.
Comments