अब गेंद प्रधानमंत्री जी के पाले में

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अब गेंद प्रधानमंत्री जी के पाले में

आलोक कुमार 
पटना.बिहार में बीते कई दिनों से जातीय जनगणना कराने को लेकर सियासत तेज है. विपक्ष के नेताओं के साथ-साथ सूबे के मुखिया नीतीश कुमार खुद भी चाहते हैं कि एक बार देश में जातीय जनगणना हो जाए. ताकि किनकी कितनी संख्या है इसका सही पता चले, जिसके बाद उनके उत्थान के लिए योजनाएं बनाई जा सकें. ऐसे में विपक्ष ने जब इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री से प्रधानमंत्री से बात करने की अपील की, तो उन्होंने तुरंत पत्र लिखकर प्रधानमंत्री से बातचीत के लिए वक्त मांगा था. 

साउथ ब्लॉक में मुलाकात के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बताया कि हमने जातीय जनगणना पर अपनी बात पीएम के सामने रखी. उन्होंने हमारी बात पूरे तौर पर ध्यान से सुनी है. हमें उम्मीद है कि इस पर विचार करेंगे. मुख्यमंत्री ने कहा कि हम लोगों ने कहा कि इस बारे में फैसला लीजिए तो मुलाकात में प्रधानमंत्री ने किसी भी बात से इनकार नहीं किया है. बिहार की जाति आधारित जनगणना पर सभी पार्टियां एकमत हैं.हमने पीएम मोदी को बताया कि कैसे बिहार विधानसभा में जातीय जनगणना पर 2019 और 2020 में पास हुआ.अभी सरकार के एक मंत्री ने बयान दे दिया था कि जातीय आधारित जनगणना नहीं हो पाएगी. उसी को लेकर लोगों के मन में बेचैनी शुरू हो गई थी यह बात हमने पीएम के सामने रखी. बिहार में नेता विरोधी दल के नेता भी साथ में रहे. उन्होंने ही पीएम से मिलने की सलाह दी थी.स्थिति के बारे में पीएम मोदी को जानकारी दी है. हमने प्रधानमंत्री के सामने रूपरेखा रखी. 

इस संदर्भ में विरोधी दल के नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि आज जातीय जनगणना के मुद्दे पर मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार जी सहित 10 पार्टियों के शीर्ष प्रतिनिधिमंडल के साथ प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी से मुलाकात की.प्रधानमंत्री जी ने गंभीरता से हमारी बातों को सुना.केंद्र सरकार से हम सकारात्मक परिणाम की अपेक्षा रखते है.बारी-बारी से प्रतिनिधिमंडल में शामिल नीतीश कुमार - मुख्यमंत्री, 
तेजस्वी यादव - नेता प्रतिपक्ष, आरजेडी,विजय कुमार चौधरी - जेडीयू,जनक राम - बीजेपी,अजीत शर्मा - कांग्रेस,महबूब आलम - भाकपा माले,अख्तरुल ईमान - एआईएमआईएम,जीतन राम मांझी - हम,मुकेश सहनी - वीआईपी,सूर्यकांत पासवान - भाकपा और अजय कुमार - माकपा ने प्रधानमंत्री जी के समक्ष देश में जातीय जनगणना कराने पर बल दिया.इसके आलोक में प्रधानमंत्री जातीय जनगणना के मामले में सकारात्मक निर्णय लेंगे.अब गेंद प्रधानमंत्री जी के पाले में है. 

इस मामले में भाजपा (BJP) व केंद्र सरकार पर दवाब बनाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) से मिलने गये दस सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल में शामिल भाजपा नेता जनक राम (Janak Ram) ने सोमवार को मोदी की तुलना ‘एक परिवार के अभिभावक’ के तौर पर की और कहा कि वह इस मुद्दे पर जो भी निर्णय लेंगे, वह सभी को ‘स्वीकार्य’ होगा.इस बैठक के बाद राम ने संवाददाताओं से बातचीत में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) जैसे विपक्षी नेताओं का नाम लिये बगैर उनपर निशाना साधा और कहा कि कई नेता जाति एवं समुदाय के नाम पर अपना करियर आगे बढ़ाते हैं लेकिन बाद में अपने ही परिवारों को आगे बढ़ाने में व्यस्त हो जाते हैं. 

वीआईपी के सुप्रीमों मुकेश सहनी ने ट्वीट कर कहा कि माननीय मुख्यमंत्री श्री @NitishKumar जी के नेतृत्व में बिहार के सभी राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों ने माननीय प्रधानमंत्री श्री @narendramodi जी से मुलाकात किया.बैठक में सभी प्रतिनिधियों ने अपना विचार रखा. सबकी एकमत थी कि देश में जातीय जनगणना होनी चाहिए. 

उन्होंने कहा कि मैंने भी जातीय जनगणना एवं समाज के अन्य मुद्दों को माननीय प्रधानमंत्री जी के सामने रखा.आशा है कि माननीय प्रधानमंत्री जी जातीय जनगणना के मामले में सकारात्मक निर्णय लेंगे. उन्होंने कहा कि बिहार में एक कहावत है कि मछली से किसी काम की शुरुवात या जतरा शुभ होता है इसलिए मैंने माननीय प्रधानमंत्री जी को चांदी का मछली सप्रेम भेंट किया. 


पूर्व सीएम जीतन राम मांझी ने कहा कि यह पहला मौका नहीं है जब सत्ता पक्ष और विपक्ष एकजुट है. जब कभी राष्ट्रीय या अंतरराष्ट्रीय मुद्दे की बात होती है तब पक्ष-विपक्ष साथ होता रहा है. इस डेलीगेशन में बीजेपी के लोग भी हैं. हमने पीएम के सामने कहा कि एससी-एसटी की जनसंख्या बढ़ी है. गरीबों की जनसंख्या ज्यादा बढ़ती है इसमें कोई हैरत की बात नहीं है.इसलिए जब तक जनगणना नहीं होगी तब तक आरक्षण का सही बंटवारा नहीं हो पाएगा. हमने पीएम से कहा कि आप जातीय जनगणना करवाइए आपका नाम होगा.पीएम मोदी ने बेहद गंभीरता से हमारी बातों को सुना है.जल्दी ही इस पर निर्णय होगा. 

नेताओं के कथन के बाद आम लोगों में से अनीश ने कहा कि आपलोग बेरोज़गारी के मुद्दे पर भी कभी एक हो जाइए, 
आपने 94,000 शिक्षकों की भर्ती में पूर्व में बहुत सहयोग किया, नियुक्ति पत्र अभी तक नहीं मिल पाया, Counselling को एक महीना बीत गया. इस मुद्दे को उठाएं आप, ऐसी उम्मीद करते हैं हमलोग अभ्यर्थी आप से. 

शिबू ने कहा कि काश बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिले.बिहार का विकास हो.इस नाम से बिहार के नेता PM से मिलते.1990 के बाद से लगातार शासन में रही जातियां और नेता अभी भी जाति के लॉलीपॉप के सहारे ही कब्र तक जाना चाहते हैं.विकास इन सबके बूते से बाहर की बात है. 

अभिषेक कुमार सिंह काश बिहार में आये भीषण बाढ़ पर आप दोनों एक होकर प्रधानमंत्री से मिलते,काश बिहार में शिक्षा, स्वास्थ्य,रोजगार,महिला सुरक्षा को लेकर आप दोनों प्रधानमंत्री से मिलते,धिक्कार है आप दोनों पर जो जातिगत जनगणना के लिए प्रधानमंत्री से मिले.बिहार को बर्बाद किया है आप दोनों ने. 
 

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