बोध गया में छात्र युवा संघर्ष वाहिनी का आयोजन

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बोध गया में छात्र युवा संघर्ष वाहिनी का आयोजन

बोधगया . वर्ष  1974 में बिहार छात्र आन्दोलन शुरू  हुआ . 1जनवरी 1975 को  संघटन की घोषणा करते हुए लोकनायक ने कहा ---पिछले कई महीनो से मैं बार बार एक ऐसे अनुशासित छात्र एवं युवा संगठन की आवश्यकता महसूस करता रहा हूँ जिसका किसी राजनितिक दल से या उसके छात्र एवं युवा मंच से सम्बन्ध न हो. बिहार के छात्रों एवं युवकों का एक खासा बड़ा हिस्सा किसी भी दल या संगठन से संबंधित नहीं है  .इस संघर्ष की अधकांश मार उन्होंने ही झेली है , जैसा कि जेल जाने जानेवाले छात्रों एवं युवकों के संख्यात्मक विश्लेषण से सिद्ध हुआ है. फिर भी संगठित छात्रों एवं युवकों द्वारा ये ये असंगठित छात्रों एवं युवकों द्वारा ये असंगठित. निर्दलीय लड़के लड़कियां पीछे करदिये जाते हैं जिसके फलस्वरूप उनमे निराशा पैदा होती है. 

मेरा यह भी अनुभव रहा है कि अपने अपने संगठनों उच्च कमानो से नियंतत्रित छात्र एवं युवा अपनी अलग पहचान छोड़ने और आंदोलन के बृहत्तर हित में अपने दलीय हितों को त्याग करने में असमर्थ है. मैंने अपने हाँथ -पांव  भी बंधे महसूस किये हैं. जब संचालन समिति (1974 आंदोलन में छात्र संघर्ष संचालन समिति में विभिन्न दल के छात्र युवा प्रतिनिधि शामिल थे ) तथा दलों की समन्वय समिति द्वारा स्वीकृत कार्यक्रमो  एवं नीतियों के कार्यान्वयन के लिए मुझे संगठित जमात पर निर्भर रहना पड़ता है जो एक ओर आंदोलन के प्रति और दूसरी ओर अपने अपने संगठनों के ,ऐसी दोहरी वफादारी के बोझ से त्रस्त हैं. आंदोलन के भावी थपेड़ो का सफलता पूर्वक सामना करने के लिए एक ऐसी विश्वसनीय शक्ति आवश्यक हो गई है जो आंदोलन तथा इसके दूरगामी लक्छ्य 'शांतिमय सम्पूर्ण क्रांति 'को छोड़ अन्य किसी के प्रति वफादार ना हो. 

इन्ही करने से मैंने "छात्र युवा संघर्ष वाहिनी "के नाम से एक स्वयंसेवक दल के निर्माण का निश्चय किया है. बिहार के छात्र एवं युवकों को आह्वाहन करता हूँ कि वे वाहिनी के स्वयं सेवक में अपना नाम दर्ज कराएं. आरम्भ में एक लाख स्वयं सेवको को भर्ती का मेरा  अव्वाहन है. जो छात्र या युवक स्वयंसेवक बनना चाहते हैं वे अपना नाम और पता निकटतम छात्र एवं जान संघर्ष समिति ( आंदोलन का जनसंघटन )कार्यालय म दर्ज कराएं. अथवा एक पोस्टकार्ड मेरे पटना (कदम कुआँ पटना 3 ) के पते पर भेज दें. स्वयसेवक होने के लिए शर्तें -----1 शांतिमय सम्पूर्ण क्रांति के लक्छ्यों और उद्देयों को विकार करना 2. छात्र एवं जान संघर्षों में अपना समय (पूरा या आंशिक )लगाने  की तैयारी रखना. 3 . उम्र 14 से 30 वर्ष 4 . राजनितिक दलों या उनके छात्र युवा मंच के सदस्य वाहिनी में शामिल नहीं हो सकेंगे 5 .वर्गों में पढ़ रहे छात्र भी वाहिनी में शामिल हो सकते हैं. 

(बाद में यह बिंदु जोड़ा  गया था कि जाति एवं धर्म सम्बन्धी चिन्ह धारण नहीं करेंगे )इसके लिए संकल्प पात्र भरना होगा. जिस पर प्रत्येक स्वयसेवक को हस्तक्छर करना होगा और उसके पालन की अपेक्छा उनसे की जाएगी. वाहिनी  संगठन एक स्वयसेवक दल के ढंग पर किया जायेगा और वह मेरे आदेशों पर काम करेगा. मुझे सलाह देने के लिए एक परिषद होगी. अन्य संगठनात्मक विवरण तैयार किये जा रहे हैं. वाहिनी बिहार छात्र संघर्ष समिति दवरा समय समय पर निर्धारित नीतिओं एवं कार्यक्रमों का ईमानदारी से कार्यावयन करेगी और संती तथा उसकी साखों के साथ निकट संपर्क रखेगी. जयप्रकाश नारायण दर्शाया 1 जनवरी 1975 को पटना में जारी प्रेस वक्तव्य.

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