चंचल
यह काम कांग्रेस को करना चाहिए था , बहुत पहले . सुभाष चंद्र बोस सांप्रदाइक संगठनों के कट्टर विरोधी रहे . कई बार तो उग्र तक हुए हैं . नयी पीढ़ी अब खोलेगी ऐतिहासिक दस्तावेज़ों की फ़ाइल और धूल हटेगी , सच खुलेगा और बेनक़ाब होगा झूठा प्रचार . जिस तरह ये चिल्लाते रहे क़ि -
“ हम सरकार में आए , तो खोलेंगे वह फ़ाइल जिसमें भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरु किस तरह सुभाष चंद्र परिवार की जासूसी कराते रहे . “
सरकार आयी , फ़ाइलें खुली , मिला क्या ? करुणा से भरी दो दोस्तों की निजी दोस्ती के मधुर संबंध . पंडित नेहरु जेल में थे , इनकी पत्नी कमला नेहरू क्षय रोग से पीड़ित थी , विदेश में इलाज चल रहा था , वहाँ उनकी देख़भाल सुभाष चंद्र बोस कर रहे थे . 1945 में ताइवान में हुए हवाई हादसे में सुभाष चंद्र बोस की मृत्यु हुयी . अब पंडित नेहरु की ज़िम्मेदारी थी , अपने मरहूम दोस्त सुभाष चंद्र बोस के परिवार की देखभाल करने की , पंडित नेहरु वही करते रहे . फ़ाइलें खुलने लगी किस तरह पंडित नेहरु ने अंग्रेज़ी सरकार द्वारा गिरफ़्तार आइ यन ये के सैनिकों की मदद के लिए न केवल , समिति बनाया या कोश इकट्ठा किया , बल्कि अरसे बाद वकीली लिबास पहन कर वकालत शुरू की . कुपढ गिरोहियो ! कभी मन में यह सवाल उठा कि भारत की आज़ादी का जश्न लाल क़िला से ही क्यों मनाया जाता है ? यह सपना था नेता सुभाष चंद बोस का . भाषण के अंत में तीन बार “ जय हिंद “ का नारा भी सुभाष चंद बोस का था और वह कांग्रेस के पास मौजूद है .
नयी पीढ़ी ने तलाश शुरू कर दिया क्या रिश्ते थे गांधी जी और नेता सुभाष चंद्र बोस के बीच ? सुभाष चंद्र बोस को गांधी जी ने नेता कह कर सम्बोधित किया है बार बार और सुभाष चंद्र बोस गांधी जी को बापू बोल कर सम्बोधित करते और फिर बाद के दिनो में राष्ट्रपिता की पदवी उन्ही की दी हुयी है . 1944 विदेश से नेता जी का रेडियो प्रसारण अब नयी पीढ़ी सुनेगी जब नेता जी महात्मा गांधी को राष्ट्रपिता बोल कर संबोधित कर रहे हैं .
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ऐतिहासिक दस्तावेज
Replied by dr.nripendra.nns@gmail.com at 2022-01-23 01:12:03
जय हो
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