आलोक कुमार
पटना.यह तो होना ही था.राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव को चारा घोटाला के पांचवें मामले में भी सजा होना कोई आश्चर्य की बात नहीं, लेकिन आश्चर्य यह है कि शिवानंद तिवारी,वृषिण पटेल, प्रेमचंद मिश्रा जैसे जिन लोगों ने चारा घोटाला में मुकदमा दायर किया था,वे बाद में पलटी मार कर लालू प्रसाद से मिल गए और भ्रष्टाचार का राजनीतिक बचाव करने वाले कुतर्क देने लगे.
सोमवार को चारा घोटाले के तहत डोरंडा कोषागार से 139.35 करोड़ रुपये के गबन के मामले में दोषी करार दिये गये राष्ट्रीय जनता दल (RJD) प्रमुख लालू प्रसाद यादव को पांच साल की सजा सुनाई गई है.कोर्ट ने 5 साल की सजा सुनाने के साथ 60 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है.
बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि पूर्व मंत्री शिवानंद तिवारी, वृषिण पटेल, प्रेमचंद मिश्रा जैसे जिन लोगों ने चारा घोटाला में मुकदमा दायर किया था,वे बाद में पलटी मार कर लालू प्रसाद से मिल गए.
अब लालू प्रसाद यादव के वकील हाई कोर्ट जाएंगे. वहां बेल पिटीशन फाइल किया जाएगा.इसमें तर्क दिया जाएगा कि लालू प्रसाद यादव ने आधी सजा काट ली है.लालू प्रसाद यादव के वकील ने बताया कि हमने कोर्ट में खराब सेहत का हवाला दिया था.इस वक्त लालू यादव 75 साल के हैं. लालू यादव के अलावा इस मामले में 38 दोषियों को भी विशेष सीबीआई अदालत ने सोमवार को वीडियो कांफ्रेंस के जरिये सजा सुनाई. केन्द्रीय जांच ब्यूरो (CBI) की विशेष अदालत के न्यायाधीश एस के शशि ने 15 फरवरी को इन सभी को दोषी करार देते हुए सजा पर सुनवाई के लिए 21 फरवरी की तारीख तय की थी.
इन पाला-बदल लोगों और राजद ने भाजपा पर बार-बार लालू प्रसाद को फँसाने के अनर्गल आरोप लगाये.इन लोगों को न्यायपालिका पर केवल तभी भरोसा हुआ, जब लालू प्रसाद को जमानत मिली.
1996 के चारा घोटाला मामले में तत्कालीन मुख्यमंत्री लालू प्रसाद पर जब पहला अभियोग पत्र दायर हुआ, तब केंद्र में भाजपा नहीं, कांग्रेस के समर्थन वाली देवगौड़ा सरकार थी.
जब लालू प्रसाद को इस मामले में पहली बार सजा हुई, तब भी भाजपा नहीं, मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार थी.यदि लालू प्रसाद को फँसाया गया था, तो 2004 से 2014 तक केंद्र में राज करने वाली कांग्रेस ने लालू प्रसाद को क्लीनचिट क्यों नहीं दिलवायी?यदि लालू प्रसाद को फँसाया गया था, तो 2004 से 2014 तक केंद्र में राज करने वाली कांग्रेस ने लालू प्रसाद को क्लीनचिट क्यों नहीं दिलवायी?यदि लालू प्रसाद को फँसाया गया था, तो 2004 से 2014 तक केंद्र में राज करने वाली कांग्रेस ने लालू प्रसाद को क्लीनचिट क्यों नहीं दिलवायी?
अंशु यादव ने कहा कि सृजन का जब जांच होगा , बहुत इन्तिज़ार मत कीजिए.कौन क्या हैं जनता सब जानती है. जनता ने ही बिहार मे राजद को सत्ता पर बिठाया ,लेकिन शासन और प्रशासन ने ज़न मत ला चोरी को नीतीश को मुख्यमंत्री घोषित कर दिया ,फिर भी राजद बिहार का सबसे बड़ा पार्टी हैं. अशोक सिंह ने कहा कि लालू यादव को 5 साल की सजा और 60 लाख के जुर्माने से किसी को आश्चर्य नहीं हुआ.यह तो होना था.लालूजी का chargesheet देवगौड़ा के समय और पहली सजा मनमोहन सिंहजी के समय हुआ.फिर भी फँसा दिया गया यही राग अलापा जाएगा.
संजीव कुमार ने कहा कि बड़े मोदी नेहरू का और छोटे मोदी लालू का नाम न ले तो शायद इनका राजनीतिक कैरियर का बंटाधार हो जाता शर्म तो आनी नही चाहिये क्यो कि सब एक ही थाली के चट्टे-बट्टे जो ठहरे. इम्तियाज अहमद ने कहा कि अगर लालू जी कल बीजेपी से समझौता कर लेते तो यह पूरी तरह से पाक साफ़ हो जाते है. और हुआ भी है हरियाणा के अंदर आपकी सीबीआई है जो चाहो फैसला सुना दो ! सच्चाई है ! डॉ.विजय प्रकाश ने कहा कि CBI जब पालतू तोता है तो सजा लालू जी को ही होगा, सजा न तो सेंगर और चिन्मयानंद को होगा और न देश बेचने वालों को होगा?
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