अलोकप्रियता के लिए भाजपा स्वयं ज़िम्मेदार है

गोवा की आजादी में लोहिया का योगदान पत्रकारों पर हमले के खिलाफ पटना में नागरिक प्रतिवाद सीएम के पीछे सीबीआई ठाकुर का कुआं'पर बवाल रूकने का नाम नहीं ले रहा भाजपा ने बिधूड़ी का कद और बढ़ाया आखिर मोदी है, तो मुमकिन है बिधूड़ी की सदस्य्ता रद्द करने की मांग रमेश बिधूडी तो मोहरा है आरएसएस ने महिला आरक्षण विधेयक का दबाव डाला और रविशंकर , हर्षवर्धन हंस रहे थे संजय गांधी अस्पताल के चार सौ कर्मचारी बेरोजगार महिला आरक्षण को तत्काल लागू करने से कौन रोक रहा है? स्मृति ईरानी और सोनिया गांधी आमने-सामने देवभूमि में समाजवादी शंखनाद भाजपाई तो उत्पात की तैयारी में हैं . दीपंकर भट्टाचार्य घोषी का उद्घोष , न रहे कोई मदहोश! भाजपा हटाओ-देश बचाओ अभियान की गई समीक्षा आचार्य विनोबा भावे को याद किया स्कीम वर्करों का पहला राष्ट्रीय सम्मेलन संपन्न क्या सोच रहे हैं मोदी ?

अलोकप्रियता के लिए भाजपा स्वयं ज़िम्मेदार है

डा रवि यादव 

उत्तर प्रदेश चुनाव में आवारा पशु एक बड़ा चुनावी मुद्दा बने हुए है. आवारा पशुओं से खेतों की रखवाली के लिए कँटीले तारो से खेतों की बाढ़बंदी एक महँगा उपाय है जिसे अधिकांश किसान कर सकने में अक्षम है अतः किसान रात रात भर जागकर अपने खेतों की रखवाली करते है फिर भी चौबीस घंटे रखवाली करने में चूक जाने पर आवारा पशुओं का झुंड फ़सल बर्बाद कर जाता है और कभी कभी ये पशु हिंसक होकर किसान को ज़ख़्मी भी करते है और कभी कभी किसान की जान भी ले लेते है. इसके अलावा सड़कों पर चलते वाहन भी इन जानवरों से टकराकर पशु और आदमीं की जान जाने का कारण बन रहे है.

उत्तर प्रदेश सरकार ने गौशालायें खोलने और प्रति पशु तीस रुपए प्रतिदिन अनुदान की व्यवस्था की है किंतु न तो लक्षित गौशालायें कार्यशील है न ही पशु को पेट भर खिलाने के लिए तीस रुपए प्रतिदिन प्रतिपशु अनुदान राशि ही पर्याप्त है फिर भ्रष्टाचार एक अन्य समस्या है. 

इन सब बातों से हटकर मुख्य प्रश्न ये भी है कि अब खेतीकिसानी में ट्रेक्टर के प्रयोग के बाद से बैलो का प्रयोग नगण्य हो चुका है तब जो नर पशु है उनको क्यों और कब तक पाला जा सकता है? उत्तर प्रदेश में लगभग चौदह से पंद्रह लाख आवारा पशु है जिनमे आधे नर है जो अर्थव्यवस्था पर बोझ है , किसानों का सिरदर्द और भविष्य में गौ वंश की अनुत्पादक नस्ल के लिए भी ज़िम्मेदार है. अधिकांश गायों का प्रजनन इन्हीं ख़राब नस्ल के साँडों द्वारा होने से भविष्य में ख़राब नस्ल की गायें ही होंगी जो किसानों के पालने योग्य नहीं होंगी तब यह समस्या और अधिक गम्भीर हो जाएगी. इसका एकमात्र समाधान इन सभी साँड़ों का बाधियाकरण कर सौ प्रतिशत गायों को सेक्स शोर्टेड सीमेंन से कृतिम गर्भाधान है जिससे नर उत्पादन रुकेगा और भविष्य में उच्च गुणवत्ता की गायें पैदा होंगी जो किसान के लिए लाभकारी होंगी अतः किसान स्वयं इन्हें पालना चाहेंगे. इस प्रक्रिया पर ख़र्च भी उसका आधा ही होगा जो अभी की जा रही नौटंकी पर होता है हाँ तब गौ माता के नाम पर की जा रही भावनात्मक नौटंकी नहीं हो सकेगी दूध उत्पादन बढ़ेगा लेकिन वोट उत्पादन बंद हो जाएगा.गौ सेवा के नाम पर भ्रष्टाचार भी नहीं हो सकेगा.

यूपी में चुनावी सभा को सम्बोधित करते हुए प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि उन्हें आवारा पशुओं की समस्या की जानकारी नहीं थी दस मार्च के बाद वे ऐसी योजना लायेंगे जिससे दूध न देने वाले पशु के गोबर बेचकर भी आय हो सकेगी . प्रधान मंत्री ने आवारा पशुओं से निजात दिलाने के स्थान पर गोबर शास्त्र की अपनी थीसिस दी जिसमें गोबर बेचकर आय बढ़ाई जायेंगी. प्रधान मंत्री इसके पहले भी पकौड़ा अर्थशास्त्र और नाली की गैस से चाय बनाने की अपनी थीसिस से अर्थशास्त्र के नॉवल पुरस्कार के प्रमुख दावेदार बनकर उभरें है.

प्रधान मंत्री के अलावा भी संघ परिवार के पास विश्व स्तरीय नमूना अर्थशास्त्रियों का ज़ख़ीरा है . भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने रहस्योद्घाटन  किया कि यूपी के बेरोज़गार पचास हज़ार  रुपया  प्रतिमाह  कमा रहे हैं .यूपी में रोज़गार का आँकड़ा इसलिए कम है क्योंकि पचास हज़ार कमाने वाला सरकारी नौकरी चाहता है और रोज़गार कार्यालय में पंजीकरण करा लेता है। इसका मतलब यूपी के बेरोज़गार छह लाख सालाना कमा रहे हैं? तब तो आयकर भी देते होंगे?

बीजेपी अध्यक्ष का यह बयान साबित करता है कि यूपी की नौजवानी ने सोचना बंद कर दिया है। उनके लिए बीजेपी का बयान ही श्लोक है। हाल में देश भर के मज़दूरों के लिए ई श्रम कार्ड बना लेकिन केवल यूपी के कार्ड धारकों के खाते में पाँच सौ या हज़ार दिया गया। एम ए पास करने वाले नौजवानों ने भी पाँच सौ के लिए श्रम कार्ड बनवा लिया था ? क्या वे इतने अनैतिक हैं कि पचास हज़ार कमा रहे हैं और पाँच सौ के लिए श्रम कार्ड बनवा रहे हैं?

नोटबंदी जैसे विध्वंसक फ़ैसले को अपने पक्ष में भुना लेने से भाजपा नेतृत्व यह मान बैठा कि जनता को मीडिया के सहयोग से मूर्ख बनाया जा सकता है फिर राष्ट्रवाद धर्मांन्धता की आढ़ लेकर सभी आंदोलन आलोकतांत्रिक तरीक़े से कुचले गए.प्रचंड बहुमत की सरकार सत्ता के घमंड में जनता को मूर्ख बना सकने की अपनी क्षमता की गफ़लत में एक के बाद एक अलोकतांत्रिक जनविरोधी फ़ैसले लेने लगी परिणाम स्वरूप आज हार की कगार पर खड़ी  है.

 .


  • |

Comments

Subscribe

Receive updates and latest news direct from our team. Simply enter your email below :