बीजेपी तर्जुमान ने पूरी दुनिया में कराई तौहीन

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बीजेपी तर्जुमान ने पूरी दुनिया में कराई तौहीन

हिसाम सिद्दीकी

नई दिल्ली. भारतीय जनता पार्टी ने जिन बदजुबान लोगों को अपना कौमी तर्जुमान (राष्ट्रीय प्रवक्ता) बना रखा था, उन्हीं में एक चर्ब जुबान खातून नूपुर शर्मा और दिल्ली प्रदेश बीजेपी के मीडिया इंचार्ज नवीन जिंदल ने अपने एक घटिया बयान के जरिए जब पूरी दुनिया में भारत की तौहीन करा दी तब बीजेपी को एहसास हुआ कि जहरीले सांप हमेशा पालने वाले को ही काटते हैं.  वजीर-ए-आजम नरेन्द्र मोदी जिनका यह रिकार्ड है कि वह अपने फैसलों से पीछे नहीं हटते, किसी बात पर शािर्मंदगी का एहसास नहीं करते और किसी के सामने झुकते नहीं हैं उन्हें भी नूपुर शर्मा और नवीन जिंदल की हरकतों से कतर, बहरीन और कुवैत जैसे छोटे-छोटे मुल्कों की नाराजगी की वजह से झुकना पड़ा.  पांच जून को बीजेपी ने नूपुर शर्मा को छः साल के लिए मोअत्तल किया और नवीन जिंदल को पार्टी से निकाल ही दिया गयां नूपुर शर्मा ने 27 मई को ‘टाइम्स नाउ’ टीवी की ज्ञानवापी मस्जिद के सिलसिले में एक डिबेट में बहस के दौरान पैगम्बर-ए-इस्लाम (स.अ.व.) की शान मंे गुस्ताखी की थी, मामला अभी ठंडा भी नहीं पड़ा था कि नवीन जिंदल ने नूपुर के बयान को ट्वीट करके पूरी दुनिया में फैला दिया.  इसकी वजह से पूरी दुनिया में भारत के लिए जबरदस्त नाराजगी का माहौल पैदा हो गया.  सऊदी अरब, ईरान, कुवैत, कतर, बहरीन, यूनाइटेड अरब अमीरात, अफ गानिस्तान, पाकिस्तान, मलेशिया और मालद्वीप समेत सभी मुस्लिम मुमालिक ने इसपर सख्त एतराज जाहिर किया. 

देश की कई मुस्लिम तंजीमों ने नूपुर शर्मा के खिलाफ कार्रवाई का मतालबा किया जिसे अनसुना कर दिया गया.  लेकिन मामला जब पूरी दुनिया के सामने पहुंच गया, कतर, बहरीन, सऊदी अरब, ईरान और कुवैत समेत कई मुस्लिम मुल्कों ने भारत के सफीरों (राजदूतों) को बुलाकर नाराजगी जाहिर की और जवाब तलब किया.  भारत के नायब सदर-ए- जम्हूरिया वेंक्या नायडू तीन दिन के कतर के दौरे पर थे वहां के नायब अमीर ने उन्हें डिनर पर दावत दे रखी थी.  उसी दौरान भारतीय सफीर को कतर की वजारते खारजा में तलब किया गया और वहां के नायब अमीर ने वेंक्या नायडू के साथ डिनर भी कैंसिल कर दिया.  बहाना यह कि उन्हें कोविड के आसार नजर आ रहे थे इसलिए डिनर कैंसिल किया.  सत्तावन मुस्लिम मुमालिक की तंजीम (संगठन) आर्गेनाइजेशन आफ इस्लामिक कण्ट्रीज (ओआईसी) ने भारत के खिलाफ एक रिज्यूलोशन पास किया और नूपुर के बयान के लिए सरकार से माफी तक का मतालबा कर डाला जिसका भारतीय वजारते खारजा ने सख्त जवाब भी दिया. 

खाड़ी के सभी छः मुस्लिम मुल्कों और कुवैत व यूएई की सख्त नाराजगी के पेशेनजर जब वजीर-ए-आजम नरेन्द्र मोदी को यह एहसास हुआ कि नूपुर शर्मा और नवीन जिंदल की वजह से मुस्लिम दुनिया में देश की कितनी बदनामी हो रही है तो उन्होने नूपुर को छः साल के लिए पार्टी से मोअत्तल करने और नवीन जिंदल को पार्टी से बर्खास्त करने की हिदायत दी.  उधर कतर में भारत के सफीर (राजदूत) दीपक मित्तल ने कतर को जवाब देते हुए लिख दिया कि पैगम्बर-ए-इस्लाम (स.अ.व.) की तौहीन करने वाला बयान भारत देश का बयान न समझा जाए.  ऐसा बयान देने वाले ‘फ्रिंज एलीमेंट’ यानी गुण्डें-मवाली किस्म के लोग हैं.  मतलब यह कि अभी तक बीजेपी ने गुण्डे, मवालियों और हाशिए पर पड़े लोगों को ही अपना तर्जुमान बना रखा था और पूरी सरकार इन्हीं ‘फ्रिंज एलीमेंट’ को बहुत पसंद करती थी.  नूपुर शर्मा की अहमियत का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि वजीर-ए-आजम नरेन्द्र मोदी, डिफेंस मिनिस्टर राजनाथ सिंह, सरफेस ट्रांसपोर्ट मिनिस्टर नितिन गडकरी, मरकजी वजीर गिरिराज सिंह, दिल्ली प्रदेश बीजेपी के सदर आदेश गुप्ता और महाराष्ट्र असम्बली में लीडर आफ अपोजीशन देवेन्द्र फण्डनवीस समेत बड़ी तादाद में बीजेपी लीडरान नूपुर शर्मा को ट्वीटर पर फालो करते हैं.  यानी उसके ख्यालात से मुतास्सिर होते हैं. 

दुनिया जानती है कि एक भी मुसलमान पैगम्बर-ए-इस्लाम (स.अ.व.) की शान में गुस्ताखी बर्दाश्त नहीं कर सकता.  नूपुर शर्मा ने जिस ‘टाइम्स नाउ’ चैनल पर यह हरकत की थी उसकी पहुंच तो इतनी नहीं है लेकिन नवीन जिंदल ने जब उसके बयान को ट्वीट कर दिया तो ट्वीटर के जरिए यह बयान पूरी दुनिया में फैल गया.  इन दोनों की हरकतों की वजह से कई मुस्लिम मुल्कों ने भारतीय प्रोडक्ट्स का बायकाट कर दिया.  कुवैत में तो बाजारों से भारतीय सामान हटा ही दिया गया.  भारत की तौहीन की इंतेहा तब हो गई जब कुवैत में कूड़े के डिब्बे पर वजीर-ए-आजम नरेन्द्र मोदी की फोटो लगा दी गई और उसपर जूते का निशान भी बनाया गया.  देश की ऐसी तौहीन इससे पहले कभी नहीं हुई थी.  नूपुर शर्मा और नवीन जिंदल के खिलाफ दस दिन बाद कार्रवाई कराकर वजीर-ए-आजम नरेन्द्र मोदी ने हालात काफी संभाल लिए क्योंकि इस कार्रवाई को सऊदी अरब और कतर जैसे मुल्कों ने सराहा भी है. 

भारतीय जनता पार्टी ने नूपुर शर्मा के खिलाफ कार्रवाई के नाम पर तो महज लीपापोती ही की है.  उसका जो गुनाह है उसकी सजा सिर्फ मोअत्तली नहीं होे सकती. .  देश में इस सिलसिले में कानून है.  उसी कानून के मुताबिक उसे सजा भी मिलनी चाहिए.  मुंबई के मुंबरा और पायधुनी के अलावा पुणे समेत मुल्क के कई हिस्सों में नूपुर शर्मा के खिलाफ रिपोर्टें लिखवाई गई हैं.  मुबरा पुलिस ने तो उसे अपना बयान दर्ज कराने के लिए 22 जून को तलब भी किया है.  जिन दफआत में उसके खिलाफ मुकदमे दर्ज हुए हैं उसमें उसकी गिरफ्तारी लाजिमी है.  इस हंगामे के बाद शायद बीजेपी को यह एहसास हुआ है कि उसने देश में नफरत का माहौल पैदा करने के लिए जिन जहरीले लोगों को आगे बढाया था उनका जहर अब पार्टी, सरकार और देश सबके लिए खतरा बन गया है.  इसीलिए बीजेपी ने अपने तमाम तर्जुमानों को हिदायत दी है कि टीवी की डिबेट के दौरान वह लोग किसी भी मजहब पर हमला न करें, किसी से बदजुबानी न करें, दूसरी पार्टियों के लीडरान पर जाती हमले न करें, बहस के दौरान मुश्तइल (उत्तेजित) न हो और शाइस्तगी के साथ अपनी बात रखें.  क्या ऐसा हो पाना मुमकिन है.  क्योंकि बीजेपी के तर्जुमान शाइस्तगी से अपनी बात रखना ही नहीं जानते वह आठ सालों से बदजुबानी ही करते आए हैं.  अब अचानक उनकी बदजुबानी को रोका कैसे जा सकेगा. जदीद मरकज

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