आलोक कुमार
कर्नाटक.अखिल भारतीय कांग्रेस कमिटी के पूर्व अध्यक्ष सांसद राहुल गांधी के नेतृत्व में भारत जोड़ो यात्रा जारी है.यह महत्वाकांक्षी यात्रा 7 सितंबर को कन्याकुमारी से शुरू हुई थी. तमिलनाडु और केरल से गुजरने के बाद, यह 30 सितंबर को कर्नाटक में प्रवेश किया.कन्याकुमारी से कश्मीर तक की पांच महीने चलने वाली भारत जोड़ो यात्रा के 29 वें दिन कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी इसमें शामिल हुई.सोनिया एक महीना पहले ही कोरोना से उबरी हैं.अभी उनका स्वास्थ्य पूरी तरह से ठीक नहीं हुआ है.करीब 15 मिनट तक पैदल चलने के बाद राहुल ने सोनिया को वापस कार में भेज दिया.
कांग्रेस की तमिलनाडु के कन्याकुमारी से शुरू हुई यात्रा अभी कर्नाटक में चल रही है.2 दिन के रेस्ट के बाद आज 29वें दिन कर्नाटक के मांड्या जिले के बेल्लार से शुरू हो गई है, जिसमें कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी भी शामिल हुई हैं. लंबे समय बाद सोनिया गांधी किसी सार्वजनिक कार्यक्रम में भाग ले रही हैं. भारत जोड़ो यात्रा शुरू होने के बाद से ही सोनिया गांधी के शामिल होने को लेकर सवाल किया जा रहा था, जो लगभग इस यात्रा के एक महीने होने पूरे होने पर शामिल हुई हैं.
इससे पहले सोनिया गांधी सोमवार को मैसूर पहुंचीं और विजयादशमी के मौके पर बुधवार को एचडी कोटे विधानसभा क्षेत्र के एक मंदिर में पूजा-अर्चना की. वहीं पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी भी आने वाले दिनों में भारत जोड़ो यात्रा में शामिल होने वाली हैं.
कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी आज कर्नाटक के मंड्या में पार्टी की भारत जोड़ो यात्रा में शामिल हुईं.राहुल ने कंधे पर हाथ रखकर मां का स्वागत किया.इसके बाद यात्रा में मौजूद महिला नेताओं ने सोनिया गांधी का हाथ थाम लिया. राहुल गांधी और पार्टी के अन्य नेताओं व कार्यकर्ताओं के साथ पैदल चली.
यात्रा के दौरान सोनिया गांधी के जूते का फीता बांधे राहुल. वह अपने बेटे राहुल गांधी के साथ करीब एक किलोमीटर तक पैदल चलीं.इस दौरान कई बार मां और बेटे के प्रेम की झलक देखने को मिली. पदयात्रा के दौरान मां और बेटे के स्नेह से जुड़ी कई तस्वीरें कांग्रेस नेताओं ने सोशल मीडिया पर साझा की हैं. पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा के परिवार के प्रभाव वाले मांड्या क्षेत्र में राहुल गांधी और अन्य ‘भारत यात्रियों’ ने सुबह पदयात्रा शुरू की तो उनके साथ सोनिया गांधी भी पैदल चलीं. रास्ते में राहुल गांधी ने बैठकर अपनी मां के जूते का फीता भी बांधा. कांग्रेस नेताओं का कहना है कि स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतों के चलते सोनिया गांधी भले ही करीब एक किलोमीटर पैदल चली हों, लेकिन इससे कांग्रेस कार्यकर्ताओं और नेताओं का उत्साह बढ़ गया.कुछ देर बाद 75 साल के पूर्व सीएम सिद्धारमैया ने जब राहुल गांधी के साथ दौड़ लगाई तो वीडियो सोशल मीडिया पर छा गया.
राजनीतिक जानकारों के मुताबिक मिशन 2024 के लिए सोनिया गांधी का यह एक्शन है.करीब 15 मिनट तक पैदल चलने के बाद राहुल ने सोनिया को वापस कार में भेज दिया. हालांकि, कुछ देर आराम करने के बाद सोनिया फिर से पैदल यात्रा में शामिल हो गईं. सोनिया एक महीना पहले ही कोरोना से उबरी हैं.अभी उनका स्वास्थ्य पूरी तरह से ठीक नहीं हुआ है. यह यात्रा कर्नाटक से होकर 21 दिनों तक चलेगी और राज्य में 511 किलोमीटर की दूरी तय करेगी.कर्नाटक में भारत जोड़ो यात्रा में शामिल होने की पार्टी प्रमुख की कथित योजना महत्वपूर्ण हो जाती है क्योंकि भाजपा शासित राज्य में अगले साल चुनाव होने हैं.कर्नाटक कांग्रेस अध्यक्ष डीके शिवकुमार और एआईसीसी महासचिव केसी वेणुगोपाल ने पहले घोषणा की थी कि सोनिया गांधी और प्रियंका गांधी दोनों राज्य में भारत जोड़ो यात्रा में भाग लेंगी. हालांकि, उन्होंने तारीखों की पुष्टि नहीं की थी.
कर्नाटक से सोनिया गांधी का गहरा संबंध है.जब कभी गांधी परिवार पर राजनीतिक संकट आया है, तब दक्षिण भारत ने उसे मुश्किल से उबारा है.भारत की दिवंगत प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने भी दक्षिण भारत की सीटों से लोकसभा चुनाव लड़ा है. इमरजेंसी की बाद जब इंदिरा गांधी की सरकार चली गई थी तो 1980 में जब उन्हें एक सुरक्षित लोकसभा सीट की जरूरत थीं.
ऐसे में उन्होंने कर्नाटक के चिकमंगलूर से चुनाव लड़ा था. इंदिरा गांधी ने आंध्रप्रदेश के मेंडक और UP के राय बरेली से नामांकन दाखिल किया था.हालांकि, बाद में उन्होंने राय बरेली की सीट छोड़ दी. गुंडलूपेट में एक जनसभा को संबोधित करते हुए, राहुल गांधी ने दावा किया था कि भारत जोड़ो यात्रा ही पार्टी के पास जनता तक पहुंचने का एकमात्र विकल्प है क्योंकि अभिव्यक्ति के लिए अन्य सभी मंच बंद हैं.
उनके अनुसार, भारत जोड़ो यात्रा का उद्देश्य भारतीय संविधान को "बचाना" और "भाजपा और आरएसएस की नफरत और हिंसा की विचारधारा के खिलाफ खड़ा होना" है.मालूम हो कि राहुल गांधी 7 सितंबर को चेन्नई के पेरुंबदुर स्मारक के पास पिता राजीव गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित किए थे. 1991 में इसी जगह पर राजीव गांधी की हत्या कर दी गई थी. पिता को श्रद्धा सुमन अर्पित करने के बाद कांग्रेस नेता कन्याकुमारी में भारत जोड़ो यात्रा का शुभारंभ किये थे. इस यात्रा को पार्टी की अब तक के सबसे बड़े अभियान के तौर पर प्रस्तुत किया जा रहा है. कांग्रेस ने यात्रा के लिए लोगो, टैगलाइन और पर्चे व वेबसाइट जारी किए हैं. राष्ट्रीय स्तर पर होने वाली इस पदयात्रा के लिए ‘मिले कदम, जुड़े वतन’ नारा दिया गया है.
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