विपक्ष को एकजुट करने के प्रयास तेज़

गोवा की आजादी में लोहिया का योगदान पत्रकारों पर हमले के खिलाफ पटना में नागरिक प्रतिवाद सीएम के पीछे सीबीआई ठाकुर का कुआं'पर बवाल रूकने का नाम नहीं ले रहा भाजपा ने बिधूड़ी का कद और बढ़ाया आखिर मोदी है, तो मुमकिन है बिधूड़ी की सदस्य्ता रद्द करने की मांग रमेश बिधूडी तो मोहरा है आरएसएस ने महिला आरक्षण विधेयक का दबाव डाला और रविशंकर , हर्षवर्धन हंस रहे थे संजय गांधी अस्पताल के चार सौ कर्मचारी बेरोजगार महिला आरक्षण को तत्काल लागू करने से कौन रोक रहा है? स्मृति ईरानी और सोनिया गांधी आमने-सामने देवभूमि में समाजवादी शंखनाद भाजपाई तो उत्पात की तैयारी में हैं . दीपंकर भट्टाचार्य घोषी का उद्घोष , न रहे कोई मदहोश! भाजपा हटाओ-देश बचाओ अभियान की गई समीक्षा आचार्य विनोबा भावे को याद किया स्कीम वर्करों का पहला राष्ट्रीय सम्मेलन संपन्न क्या सोच रहे हैं मोदी ?

विपक्ष को एकजुट करने के प्रयास तेज़

डा रवि यादव

जैसे जैसे लोकसभा चुनाव नज़दीक आ रहा है विपक्ष को एकजुट करने के प्रयास तेज़ हो गए है . बिहार के मुख्य मंत्री नीतीश कुमार के 2022 में एनडीए से अलग होने के साथ ही यह प्रक्रिया शुरू हो चुकी थी जो अब गति पकड़ चुकी है . नीतीश कुमार ने इसी माह कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व से मुलाक़ात की फिर  वे आप प्रमुख  अरविंद केजरीवाल जी से और फिर   पश्चिमी बंगाल की मुख्य मंत्री ममता बनर्जी से कलकत्ता में मिले . संयुक प्रेस वार्ता में ममता बनर्जी ने साथ चलने पर सहमति दी और बिहार में एक बैठक बुलाकर सभी सम्भावित सहयोगियों के साथ आगे की रणनीति बनाने का आह्वान किया. सुश्री बनर्जी ने कहा कि मैंने नीतीश जी से अनुरोध किया है कि जय प्रकाश जी का आंदोलन बिहार से हुआ था तो हम सभी एक बिहार में एक मीटिंग करें जहाँ से यह संदेश दे कि हम सभी साथ है .

कल नीतीश कुमार अपने उप मुख्य मंत्री तेजस्वी यादव के साथ लखनऊ में समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव से मिलें . संयुक्त प्रेस वार्ता में अपने संक्षिप्त सम्बोधन में अखिलेश यादव ने  मुख्य मंत्री नितीश कुमार व  उपमुख्यमंत्री तेजस्वी  का स्वागत  किया और एकता के प्रयास में साथ देने की घोषणा की . अखिलेश जी ने  कहा कि  लोकतंत्र बचाने और भाजपा को हटाने के लिए हम आपके साथ है , भाजपा  हटें और देश बचे, यह आजकी ज़रूरत है . देश में जिस तरह का संकट है उससे हम सब साथ मिलकर लड़ेंगे . भाजपा की ग़लत आर्थिक नीतियो से किसान और युवा सब परेशान है , मँगाई चरम पर है ,बेरोज़गारी चरम पर है , हम चाहते है भाजपा हटे और देश बचे.


इसके बाद  नीतीश जी ने  अखिलेश जी की तरफ़ इशारा करते हुए कहा कि हमारा इनका क्या सम्बंध है ये तो सब जानते ही  है  इनके पिताजी के नेतृत्व में ही हम लोग काम किए ही है . नीतीश जी ने कहा कि उनकी किसी पद को पाने की इच्छा नहीं है  वे केवल सब को साथ  लाने का प्रयास कर रहे है .


कांग्रेस ने सौंप रखा है विपक्ष को एक साथ लाने का काम :  

माना जा रहा है कि कांग्रेस ने ही नीतीश जी को उन पार्टियों को साथ लाने का ज़िम्मा दे रखा है जो अपने राज्यों में कांग्रेस से दूरी बना कर चल रही है . दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे व राहुल गांधी से मुलाक़ात के बाद नीतीश जी आप प्रमुख अरविंद केजरीवाल , बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी व सपा मुखिया अखिलेश यादव से मुलाक़ात कर चुके है .

 

राहुल गांधी की सदस्यता समाप्ति अलार्म


2019 के चुनाव में  “मोदी “ सरनेम पर राहुल गांधी की  टिप्पणी को सूरत कोर्ट ने मोदी समुदाय की मानहांनी माना व दो साल की सज़ा दे दी उसके बाद राहुल गांधी की संसद की सदस्यता समाप्त हो गई व उनका सरकारी आवास सरकार द्वारा ख़ाली करा दिया गया . यद्यपि संसद सदस्य न होते हुए भी सत्ता दल के अतिरिक्त ग़ुलाम नवी आज़ाद व  बसपा प्रमुख मायावती का आवास अभी भी ख़ाली नहीं कराया गया है . इस घटना ने व कई विपक्षी नेताओ पर ईडी सीबीआई की कार्यवाही ने विपक्ष के नेताओ को सोचने पर मजबूर किया है कि क्या देश में कोई सिस्टम बचा हुआ है और यदि यह सरकार एकबार फिर सत्ता में आती है तो क्या अभी बचा हुआ सिस्टम भी क्या भविष्य में बचा तह पाएगा? दूसरा राहुल गांधी वर्तमान में अगला चुनाव नहीं लड़ सकते यदि कोर्ट से उनको मानहानि के दोष से मुक्त होने की राहत व उनकी सज़ा रद्द नहीं होती . इस स्थिति में कांग्रेस का प्रधान मंत्री पद हेतु राहुल गांधी को प्रोजेक्ट करना भी सम्भव नहीं होगा . ये हालत कांग्रेस या विपक्ष से कही अधिक भाजपा के अहित में है क्योंकि भाजपा ने एक बड़ा निवेश राहुल गांधी जी की छवि ख़राब करने पर किया हुआ था जो वैकल्पिक नेता नितीश जी या खड़गे जी पर काम नहीं आ सकेगा.


नीतीश कुमार एक विश्वनीय विकल्प


नीतीश कुमार लम्बे राजनैतिक अनुभव के साथ एक ऐसे नेता है जिनपर भ्रष्टाचार या भाई भतीजावाद का कोई आरोप नहीं है वे साहबजादे के जुमले के बाहर है और देश की  पिछड़ी जातियों में दूसरी सर्वाधिक आबादी वाली  कुर्मी  जाति के देश के सबसे बड़े नेता है जिसका वोट और सपोर्ट नब्बे के दशक से लगातार भाजपा को मिलता रहा है .  घोषित न सही अघोषित रूप से सही यदि विपक्ष को सरकार बनाने का कोई मौक़ा आता है तो नीतीश कुमार के नेता चुने जाने की  की संभावना सर्वाधिक है क्योंकि वे तमाम ग़ैर कांग्रेस दल कांग्रेस के किसी नेता की तुलना में नीतीश कुमार के नाम को पसंद करेंगे जो अपने राज्य में कांग्रेस से भी प्रतिद्वंदिता करते है .


नीतीश जी के नेतृत्व का असर  विहार व झारखंड के बाद यूपी में निर्णायक हो सकता है क्योंकि सामान्य रूप से कुर्मी उत्तर प्रदेश में भाजपा के साथ है व विधान सभा में ब्राह्मण व ठाकुर के बाद सर्वाधिक विधायक इसी समुदाय से है .  संत कबीर नगर , महाराजगंज , कुशीनगर , मिर्ज़ापुर, सोनभद्र , बरेली , उन्नाव , जालौन , पीलीभीत, फ़तेहपुर , प्रतापगढ़ ,कोशांबी, प्रयागराज ,  अम्बेडकरनगर , सीतापुर , बहराइच, श्रावस्ती , बलरामपुर , बस्ती, बाराबंकी , कानपुर देहात , फ़र्रुख़ाबाद , बरेली में  निर्णायक स्थिति में है तो रामपुर ,  आँवला , कन्नौज , आज़मगढ़ ,  जौनपुर , रायबरेली जैसी  कई अन्य लोकसभा सीटों पर  भी कुछ  असर रखता है .  नीतीश जी के आने से सिर्फ  उनका स्वजातीय मतदाता  अगर पाला बदलता है तो यू पी में भाजपा को डरावने सपने आ सकते है  है .


कह सकते है बहुत  कठिन है डगर पनघट की मगर  हर घर नल और नल में जल  ( हर  विपक्षी नेता के पीछे ईडी और सीबीआई  )इसी तरह बहता रहा तो पनघट जाएगा कौन ? दिल्ली दूर ज़रूर है मगर लखनऊ  एक्सप्रेस वे  पर चढ़ने के बाद सफ़र बहुत मुश्किल नहीं होता  और अखिलेश का साथ नितीश जी के क़ाफ़िले को लखनऊ एक्सप्रेस वे पर चढ़ाने में मदद्दगार होगा इसमें शक नहीं हो सकता.


बहरहाल आगामी लोकसभा चुनाव बहुत दिलचस्प होता जा रहा है विपक्षी एकता का भ्रूण परिपक्व हो चुका है मगर मेडिकल टेर्मिनेशन का प्रयास भी हो रहा है और होगा इसमें संदेह नहीं ईडी सीबीआई के इंजेक्शन तैयार है .तो “ जा को राखे साइयाँ मार सके ना कोई” की उम्मीद भी . देखना है भ्रूण हत्या होगी या चौबीस आते आते विपक्षी एकता जन्म ले चुकी होगी .


  • |

Comments

Subscribe

Receive updates and latest news direct from our team. Simply enter your email below :