डा शारिक़ अहमद ख़ान
ये इटैलियन सलाद है.इसमें कई तरह के चीज़ हैं,इसके अलावा गोट एंड चिकेन मॉर्टाडेला है,ऑलिव नट्स हैं,गोट सॉसेज़ कट्स हैं और साथ में है पत्ता गोभी और टमाटर.आजकल फ़िटनेस फ़ूड के तौर पर इसका चलन बढ़ गया है.डिनर में यही जीमने का फ़ैशन चला हुआ है,पहले इतना नहीं था.मेरी दोस्त दिल की डॉक्टर ने मेरे सामने अभी डिनर में यही सलाद के तौर पर परोस दिया.बहरहाल,मॉर्टाडेला सबसे पहले पोर्क से बना.बाद में कई तरह के जानवरों का मॉर्टाडेला बनने लगा.मॉर्टाडेला से ही सॉसेज़-सॉसेज़ेज़ स्ट्रिप्स बनती हैं.
इसी से याद आया कि मिस्टर जिन्ना को पोर्क सॉसेज़ बहुत पसंद था,एक बार बॉम्बे में चुनाव के दौरान जिन्ना चुनावी मंच पर थे कि तभी उनकी पारसी बेगम रत्ती पोर्क सॉसेज़ज़ टिफ़िन में लेकर मंच पर आ गईं.जिन्ना ने टिफ़िन खोला तो देखा कि उसमें पोर्क सॉसेज़ है,जिन्ना ने फटाक से बंद कर दिया.फिर रत्ती से कहा कि 'क्या चाहती हो मैं चुनाव हार जाऊँ,सामने जाहिल और बेवकूफ़ मुसलमानों की भीड़ बैठी है,वो हमें रहबर मानते हैं.
जब उनको पता चलेगा कि मैं पोर्क भी खाता हूँ तो उनको गहरा धक्का लगेगा,फिर ये मुझे चुनाव हरा देंगे'.ये सुन रत्ती पैर पटकते हुए टिफ़िन लेकर मंच से चली गईं.जब जिन्ना का भाषण ख़त्म हुआ तो जिन्ना अपने दोस्त एमसी छागला मतलब मोहम्मद करीम छागला जो बाद में आज़ाद हिंदोस्तान में बॉम्बे हाईकोर्ट के चीफ़ जस्टिस भी हुए उनको लेकर एक नज़दीकी रेस्त्रां में गए और पोर्क सॉसेसेज़ खाया.एमसी छागला ईमानदार आदमी थे.जब उन्होंने जिन्ना की मौत के काफ़ी बाद किताब लिखी तो इस घटना का भी उल्लेख कर दिया.ख़ैर,कमलेश्वर का कहना था कि जब वो घूमने के लिए पाकिस्तान गए तो पाकिस्तान के बहुत से लोग उनसे जिन्ना के पोर्क सॉसेज़ प्रेम के बारे में ही जानना चाहते थे,उनसे पूछा कि क्या छागला ने सही लिखा है या मंत्री बनने के बाद कांग्रेस सरकार को ख़ुश करने के लिए जिन्ना को बदनाम किया है.कमलेश्वर ने कहा था कि छागला ने सही लिखा है,ये तो जिन्ना के बारे में आम चलन की भी बात है,आप लोग जिन्ना को होली काऊ क्यों बनाना चाहते हैं.बहरहाल,मेरी तस्वीर की चीज़ें हलाल हैं,मॉर्टाडेला भी और चीज़ समेत हर चीज़.
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